Chhattisgarh liquor scam में फंसे 28 आबकारी अधिकारियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों के साथ अग्रिम जमानत देने के दिए निर्देश

Chhattisgarh liquor scam update: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता अधिकारी पहले निचली अदालत (ट्रायल कोर्ट) में औपचारिक रूप से सरेंडर करें और जमानत बांड भरें। इसके बाद उन्हें अस्थायी जमानत का लाभ मिलेगा।

Chhattisgarh liquor scam में फंसे 28 आबकारी अधिकारियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों के साथ अग्रिम जमानत देने के दिए निर्देश

Chhattisgarh liquor scam update

Modified Date: August 29, 2025 / 07:32 pm IST
Published Date: August 29, 2025 7:31 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कुछ शर्तों के साथ अस्थायी जमानत देने के निर्देश
  • 28 आबकारी अधिकारियों को अग्रिम जमानत
  • पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा फिलहाल जेल में बंद

रायपुर: Chhattisgarh liquor scam update, छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में फंसे आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने कुछ शर्तों के साथ उन्हें अस्थायी जमानत देने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता अधिकारी पहले निचली अदालत (ट्रायल कोर्ट) में औपचारिक रूप से सरेंडर करें और जमानत बांड भरें। इसके बाद उन्हें अस्थायी जमानत का लाभ मिलेगा।

यह याचिका आबकारी विभाग के अधिकारी विकास गोस्वामी की ओर से दाखिल की गई थी। कोर्ट के फैसले का असर अन्य आरोपित अधिकारियों पर भी पड़ेगा। इसी मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा फिलहाल जेल में बंद हैं।

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28 आबकारी अधिकारियों को अग्रिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित आबकारी घोटाला मामले में आरोपी 28 आबकारी अधिकारियों को अग्रिम जमानत दे दी है। इससे इन अधिकारियों को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत मिली है, हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच अभी भी जारी है।

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया, बल्कि इसके पीछे एक संगठित कारोबारी गठजोड़ भी सक्रिय था। जांच में सामने आया है कि शराब के लाइसेंस देने से लेकर कमीशन तय करने तक की प्रक्रिया में गड़बड़ियां की गईं, जिससे निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।

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एजेंसी ने यह भी बताया कि इस पूरे नेटवर्क में शामिल लोगों ने विदेशी शराब कंपनियों पर भी दबाव बनाया, ताकि वे बिक्री के बदले तय कमीशन दें। यह राशि बाद में कई मुखौटा कंपनियों और फ्रंट फर्म्स के जरिए इधर-उधर की गई।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com