Vishnu ka Sushasan: साय सरकार ने जगाई शिक्षा की नई अलख, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले रहे बस्तर के बच्चे, इस योजना से संवरा भविष्य

साय सरकार ने जगाई शिक्षा की नई अलख, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले रहे बस्तर के बच्चे, इस योजना से संवरा भविष्य! Children of Bastar are getting admission in engineering and medical colleges

Vishnu ka Sushasan: साय सरकार ने जगाई शिक्षा की नई अलख, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले रहे बस्तर के बच्चे, इस योजना से संवरा भविष्य

Sushasan Tihar 2025 In CG| Image Source: CG DPR

Modified Date: March 1, 2025 / 05:10 pm IST
Published Date: March 1, 2025 3:42 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ को संवारने के लिए प्रतिबद्ध साय सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में एक नया विकास का मॉडल देखने को मिल रहा है। कम बजट में बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ प्रदेश का विकास हो रहा है। प्रदेश से नक्सलवाद को खत्म करने केंद्र और राज्य सरकार दोनों बेहतर समन्वय के साथ काम कर रही है। यही वजह है कि प्रदेश में नक्सलवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है। साय सरकार केवल नक्सलियों के खात्मे की ही कोशिश नहीं कर रही है, बल्कि उन लोगों के हित के लिए भी काम कर रही है, जो नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं। नक्सलवाद से पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए साय सरकार ने “मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के जरिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चे सुनहरे भविष्य गढ़ रहे हैं।

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दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य, जो अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की चुनौतियों का सामना कर रहा है. नक्सली बच्चों के सुनहरे भविष्य गढ़ने की जगह यानी स्कूलों को निशाना बना रहे थे। कई जगहों पर नक्सली खौफ के चलते स्कूल बंद हो गए। कई जगह पर शुरू तो हुए, लेकिन माओवादियों की दहशत के कारण बच्चे स्कूल नहीं गए। साय सरकार ने इन क्षेत्रों में फिर से शिक्षा की अलख जगाने की सोचीं और मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना की शुरुआत की। इस योजना के जरिए प्रयास आवासीय विद्यालय और आस्था गुरुकुल जैसे संस्थानों की स्थापना की गई, जहां बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य में रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, कांकेर, कोरबा और जशपुर सहित 12 जिलों में 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इन संस्थानों में 5,254 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 2,891 बालक और 2,367 बालिकाएं शामिल हैं।

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साय सरकार के दूरगामी सोच के कारण इन संस्थानों में पढ़ाई का सकारात्मक परिणाम में देखने को मिल रहा है। हमारे आदिवासी क्षेत्रों के बच्चे अब देश के बडे शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE), चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), कंपनी सेक्रेटरी (CS), कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। कई संस्थानों में पढ़ाई के लिए आदिवासी विद्यार्थियों का चयन भी हुआ है। जानकारी के मुताबिक 122 विद्यार्थी आईआईटी, 356 विद्यार्थी एनआईटी तथा 70 विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। इस वर्ष आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 06 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है, जो पहले प्रयास विद्यालय में रह कर पढ़ाई कर चुके हैं।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।