Kids Mobile Addiction : क्या आपका भी बच्चा हो गया है मोबाइल का आदि..? तो हो जाएं सावधान, वरना झेलनी पड़ेगी ये परेशानी
Kids Mobile Addiction : क्या आपका भी बच्चा हो गया है मोबाइल का आदि..? तो हो जाएं सावधान, वरना झेलनी पड़ेगी ये परेशानी
Kids Mobile Addiction/ Image Credit: Meta AI
- बच्चों की मोबाइल फोन की लत का मुख्य कारण माता-पिता का समय न देना है।
- बच्चों की मोबाइल फोन की लत से मानसिक विकास में देरी, बोलने में कठिनाई, शारीरिक समस्याएं, आंखों की समस्याएं होती है।
- लत कम करने उन्हें शारीरिक गतिविधियों में शामिल करना चाहिए।
नई दिल्ली। Kids Mobile Addiction : आजकल की लाइफ में मोबाइल जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। वहीं आजकल के डिजिटल दौर में बच्चों में स्मार्टफोन की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जहां एक ओर स्मार्टफोन बच्चों के लिए शैक्षिक और मनोरंजन का जरिया बन सकता है, वहीं दूसरी ओर इसके बहुत ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वहीं आजकल माता-पिता बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं और जब बच्चा रोता है तो उसे शांत कराने के लिए मोबाइल पर गाने या कार्टून चला देते हैं।
5 से 6 साल तक बोलने में देरी
दरअस,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विभाग की मनोचिकित्सक डॉक्टर फिरदोस जहां ने इस पर हैरान करने वाली जानकारी दी है। डॉ. फिरदोस का कहना है कि, मोबाइल से खेलने वाले छोटे बच्चों में बोलने की क्षमता घट रही है। पहले जो बच्चे 2 साल की उम्र में बोलना शुरू कर देते थे, अब वे मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल के कारण 5 से 6 साल तक बोलने में देरी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां 5 से 6 साल के बच्चे बोलने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल है।
डॉ. फिरदोस ने बताया कि पिछले डेढ़ से दो सालों में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में 5 से 6 साल तक के ऐसे बच्चों की संख्या काफी बढ़ गई है, जो ठीक से बोल नहीं पा रहे हैं। उनका उच्चारण भी सही नहीं हो रहा है और कुछ बच्चे चाहकर भी नहीं बोल पाते। जब इस पर डॉक्टरों की टीम ने स्टडी की, तो पाया कि जन्म के बाद से ही मोबाइल की लत इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है।
माता-पिता रखें ध्यान
Kids Mobile Addiction : उन्होंने माता-पिता को सलाह दी है कि वे बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नजर रखें और उम्र के हिसाब से मोबाइल इस्तेमाल की सीमा तय करें। बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी जैसे साइकिल चलाने, दौड़ने-भागने वाले खेलों में शामिल करें। सामान्य यूट्यूब या गूगल के बजाय बच्चों के लिए सुरक्षित ‘यूट्यूब फॉर किड्स’ ऐप का इस्तेमाल करें, ताकि बच्चों के विकास पर मोबाइल का गलत असर न पड़े।

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