वर्जिन से संबंध बनाने से नहीं फैलता एड्स ? ऐसा बिलकुल भी नहीं…जानें सच्चाई

एचआईवी संक्रमण का सीधा मतलब एड्स से है क्योंकि इसी वायरस की पहचान से एड्स की पहचान संभव है। 1980 के दशक में पहली बार इसके फ़ैलने की बात सामने आई, इसकी पहचान के बाद कई बातें इस बारे में कही गईं

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  • Publish Date - August 14, 2022 / 04:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

AIDS relationship with a virgin: रायपुर। एक दिसंबर को हर विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। लाल रिबन एचआईवी एड्स जागरूकता का प्रतीक समझा जाता है। एचआईवी संक्रमण एक बड़ी वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिसकी वजह से अब तक क़रीब 3.5 करोड़ लोग अपनी जान गवां चुके हैं। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन का है। इन आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2018 में एचआईवी से जुड़ी समस्याओं की वजह से क़रीब 10 लाख लोगों की मौत हो गई थी। क़रीब 3.7 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में हैं, ऐसे लोगों की 70 फ़ीसदी आबादी अफ़्रीका में रहती है। साल 2017 में यहां 18 लाख नए लोग इस जानलेवा वायरस के शिकार बने।

एचआईवी संक्रमण का सीधा मतलब एड्स से है क्योंकि इसी वायरस की पहचान से एड्स की पहचान संभव है। 1980 के दशक में पहली बार इसके फ़ैलने की बात सामने आई, इसकी पहचान के बाद कई बातें इस बारे में कही गईं। यह कैसे फ़ैलता है, एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ जीना कितना मुश्किल है और न जाने क्या-क्या। इनमें से कुछ मिथ का प्रचार लोगों के बीच ख़ूब किया गया।

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AIDS relationship with a virgin: एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में मौजूद तरल पदार्थ यानी ख़ून, वीर्य, ​​योनि के तरल पदार्थ या दूध से फ़ैल सकता है। वैकल्पिक चिकित्सा, यौन संबंध बनाने के बाद नहाने या किसी कुंवारे व्यक्ति या महिला के साथ यौन संबंध रखने से एचआईवी से सुरक्षा नहीं तय हो जाती। वर्जिन के साथ संबंध बनाने’ की दलील अफ़्रीका के कुछ इलाक़ों, भारत और थाईलैंड के कुछ जगहों में दी जाती थी, लेकिन ये असल में ख़तरनाक़ है। इस सोच ने कई युवतियों के बलात्कार और कुछ मामलों में बच्चों को भी एचआईवी संक्रमण के ख़तरे में डाल दिया है।

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HIV संक्रमित लोगों के साथ रहने से नहीं होता एड्स

यह एक ग़लतफ़हमी है, जिसका प्रचार काफ़ी लंबे वक़्त से होता आ रहा है। इसे दूर करने के लिए जागरूकता अभियान तक चलाए गए हैं पर उसका कोई बहुत ज़्यादा असर देखने को नहीं मिला है। साल 2016 में 20 फ़ीसदी लोगों का मानना था कि एचआईवी संक्रमण हाथ मिलाने, गले मिलने से फ़ैलते हैं। उनका यह भी मानना था कि यह इंसान के लार और पेशाब के ज़रिए भी फ़ैलता है। लेकिन सच ये है कि छूने, पसीने, थूक और पेशाब से एचआईवी नहीं फैलता।

एचआईवी कैसे नहीं फ़ैलता?

एचआईवी कभी भी एक ही वातावरण में सांस लेने से नहीं फ़ैलता। गले मिलने, किस करने और हाथ मिलाने से भी यह नहीं फ़ैलता है। एक ही बर्तन में खाने से नहीं फ़ैलता। एक ही नल से नहाने से ये नहीं फ़ैलता। निजी वस्तुएं एक दूसरे के साथ साझा करने से एचआईवी नहीं फ़ैलता। जिम में कसरत करने के उपकरणों को साझा करने से ये नहीं फ़ैलता। टॉयलट सीट छूने, दरवाज़े की कुंडी या हैंडल छूने से ये नहीं फ़ैलता।