Big Picture with RKM: रायपुर। हर साल के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से पहले दो बड़े सवाल पूछे जाते हैं। पहला कि पीएम मोदी कल किस रंग की पगड़ी पहनेंगे और दूसरा कि वह देश के नाम सम्बोधन में क्या कहेंगे? (What are the things mentioned in Prime Minister Modi’s Independence Day speech?) वैसे भी 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री जो भी भाषण देते हैं वह देश की दशा और दिशा तय करने वाला होता है। यह रवायत हमारी स्वतंत्रता जितनी ही पुरानी है। अब पीएम मोदी किस रंग की पगड़ी पहनेंगे यह तो कल ही पता चल सकेगा लेकिन वह कल क्या बोलेंगे इसका अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है।
बात करें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व दिए साक्षात्कारों की तो अपनी जीत के लिए निश्चिन्त पीएम मोदी कहा करते थे कि उन्होंने आने वाले 25 सालों के लिए योजना तैयार कर ली है। इसके लिए उन्होंने देशभर के लोगों के राय जानने और उनसे सुझाव मांगने का भी दावा किया था। अफसरों और बुद्धिजीवियों से मंथन किया। पीएम मोदी ने 5 साल, 25 साल और 100 दिनों के लिए प्लान बनाने की बात कही थी। इस तरह पीएम ने बताया था कि वह शुरुआती 100 दिनों में क्या करेंगे? वह अपने पांच साल के कार्यकाल में क्या निर्णय लेंगे और आने वाले 25 सालों के लिए वह किस योजना पर काम करेंगे। इस तरह उन्होंने खुद के पास देश की प्रगति, उन्नति और जनकल्याण के लिए एक ठोस कार्ययोजना होने की बात कही है। वे यह भी कहते थे कि जब हम 2047 में अपने आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाये तब देश विकसित हो चुका हो। कहा था कि चुनाव के बाद वह इसका खुलासा करेंगे और इसी कार्ययोजना को लक्ष्य मानकर वे काम करेंगे। लेकिन हम देख रहे हैं कि सरकार बने 60 से 70 दिन होने को हैं पर उन्होंने अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया हैं। ऐसे में सम्भव हैं कि 15 अगस्त पर उनका भाषण उनकी भावी कार्ययोजना पर ही आधारित हो।
बात अगर उनके वर्क प्लान की करें तो वह 2047 पर आधारित हैं, इसलिए मुमकिन हैं कि लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी का भाषण शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना के विकास पर आधारित हो। (What are the things mentioned in Prime Minister Modi’s Independence Day speech?) वह तकनीक को बढ़ावा देने और इसकी मदद से आगे बढ़ने, देश को आगे बढ़ाने पर अपने विचार रख सकते है।
उनके भाषण के विषय की दूसरी सम्भावना पर बात करें तो पीएम मोदी अक्सर डेमोग्राफिक डिविडेंट यानी भारत के मानव संसाधन और इसके लाभ पर चर्चा करते थे लेकिन, अब ज्यादा संभव हैं कि पीएम डेमोग्राफिक डिविडेंट के बजाये डेमोक्रेटिक डिविडेंट यानि लोकतंत्र के स्थायित्व और इसके फायदे पर चर्चा करें। इसका प्रमुख और ताजा कारण पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी उथल-पुथल हैं। हम देखते हैं कि हमारे पड़ोस के देशों में लोकतांत्रिक स्थिरता की काफी कमी रही है। फिर वह पाकिस्तान हो, म्यांमार या फिर बांग्लादेश या अफगानिस्तान। लेकिन भारत आज भी अपने मजबूत लोकतंत्र और मजबूत संविधान के साथ आगे बढ़ रहा हैं, विकास कर रहा है। तो मुमकिन हैं कि लोकतंत्र की इसी मजबूती और अलोकतांत्रिक शक्तियों से दूर रह कर विकास और कल्याण के नए आयामों को छूने जैसे विषय उनके सम्बोधन में शामिल रहे।
तीसरी बात GYAN की करेंगे। ज्ञान पर केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ सरकार में भी इस पर चर्चा होती रही है। GYAN में G का मतलब गरीब, Y का मतलब युवा, A से अन्नदाता यानि किसान और N से नारी शक्ति यानी महिलाएं। (What are the things mentioned in Prime Minister Modi’s Independence Day speech?) सरकार अपने पिछले बजट में भी इन सभी चार वर्ग पर अधिक फोकस रही थी। हमने देखा कि केंद्र सरकार ने युवाओं की शिक्षा और रोजगार के लिए कई योजनाएं शुरू करने की बात कही। इसी तरह बजट में किसान और महिलाओं को भी राहत देने के कई प्रयास किये गए। तो इस तरह संभव है कि आजादी के दिन वाले भाषण में पीएम मोदी इन्ही चार विषयों को शामिल करें।
इसके अलावा पीएम के भाषण में आने वाले चुनाव की झलक भी देखी जा सकती हैं। इनमें जम्मू और कश्मीर भी शामिल हैं जो पीएम के महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल हैं। इससे अलग पीएम लालकिले की प्राचीर से अपने विरोधियों यानि विपक्षी दलों को भी जवाब देने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी संभव हैं क्योंकि पीएम मोदी पिछले कुछ समय से ज्यादा चर्चा नहीं कर रहे और पहले के मुकाबले अब अधिक शांत है। पीएम मोदी आजादी के पर्व पर अपने दस वर्षों के कामों का जिक्र कर सकते है।
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1 month ago