Mehangai par Halla Bol Mp
भोपाल: साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने प्रदेश की सियासी पिच पर बल्लेबाजी शुरु कर दी है। कांग्रेस की अगुवाई में 19 विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे। केंद और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों को लेकर जमकर बरसे। कांग्रेस की कोशिश है कि चुनावों से पहले बीजेपी को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरा जाए। इधर, बीजेपी के मुताबिक ये कांग्रेस की जनता को गुमराह करने की राजनीति है।
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बीजेपी सरकार के खिलाफ दिग्विजय सिंह की ये तल्खी नई नहीं है, लेकिन चुनावों के नजदीक आते ही इनके तेवर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। रंजिश भी बढ़ती जा रही है। दरअसल मध्यप्रदेश में विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चे ने मोदी और शिवराज सरकार के खिलाफ दम भरा है। मकसद है मध्यप्रदेश के अगले चुनावों में बीजेपी के विजय रथ को रोकना। 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट हुए 19 विपक्षी दल बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरे और केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी नेता केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसे।
दरअसल मध्यप्रदेश में बढ़ती महंगाई के जरिए कांग्रेस अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुटी है। चुनावों के पहले कांग्रेस की कोशिश है कि पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों पर सरकार को घेरा जाए। कांग्रेस अब विपक्षी दलों को भी साथ लाने में कामयाब हो गई है। हालांकि ये पहला मौका नहीं जब विपक्षी दल एक फ्रंट पर आए हों, लेकिन विपक्ष का एकजुट होना बीजेपी सरकार की सेहत के लिए खतरे का संकेत ज़रुर है। हालांकि बीजेपी नेता इन संभावनाओं से इत्तेफाक नहीं रखते।
बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्ष फिलहाल एकजुट तो नज़र आ रहा है, लेकिन सवाल यही है कि विपक्षी दलों की एकता कब तक टिकेगी। बहरहाल बढ़ती महंगाई लोगों की जेब पर असर डाल रहा है, घर का बजट भी बिगड़ गया है। जाहिर है ये ऐसा मुद्दा है, जिसे कांग्रेस हर मोर्चे पर भुनाना चाहती है जबकि बीजेपी आंकड़ों के जरिए खुद का बचाव करने में लगी है।