रावण बाबा की पूजा के बिना नहीं होता कोई भी शुभ काम, ग्रामीणों की हर मुराद पूरी करते हैं लंकेश

रावण बाबा की पूजा के बिना नहीं होता कोई भी शुभ काम! No auspicious work is done without worship of Ravana Baba

Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: October 15, 2021 12:04 pm IST

विदिशा: जहां पूरे देश में दशहरा पर्व पर श्री राम के जयकारे और रावण के पुतले का दहन होता है, जहां पूरे देश मे विजय दशमी के दिन रावण के पुतले का दहन बुराई के प्रतीक के रूप में किया जाता है। लेकिन विदिशा जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर नटेरन जनपद पंचायत के तहत आने वाले गांव रावन में पीढ़ियों से रावण बाबा को भगवान के रूप में पूजा जाता है।

Read More: पूर्व कांग्रेस विधायक का निधन, लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे कांती कोली

विजयादशमी का पर्व सारे भारत वर्ष में श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है। विजय के इस पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाता है, लेकिन विदिशा की नटेरन तहसील के रावण गांव में ठीक इस परम्परा के विपरीत रावण को देवता मानकर पूरी भक्ति भाव से पूजा आराधना की जाती है। रावण को यहां रावण बाबा कहा जाता है और बरसों से चली आ रही इस परम्परा को ग्रामीण निभाते चले आ रहे हैं। गांव में कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य हों बिना रावण बाबा की पूजा के अधूरे माने जाते हैं। विवाह के बाद वर वधु बिना रावण बाबा को प्रणाम किए बिना घर में प्रवेश नहीं करते हैं। इतना ही नहीं जो लोग गांव छोड़ कर चले गए हैं वो भी कोई भी शुभ कार्य बिना रावण की आराधना के शुरू नहीं करते हैं।

 ⁠

Read More: हाथों के सहारे 60 किलोमीटर चलकर अपर कलेक्टर के पास पहुंचे दिव्यांग दपंति, देखता रह गया पूरा सरकारी महकमा

गांव के किसानों ने ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल यहां तक युवकों के हाथों पर सीने पर जय लंकेश लिखवा रखा हैं। ग्रामीणों का मानना है कि भगवान रावण बाबा में उनकी अटूट आस्था है और वो उनकी हर मुराद को पूरा करते है इसीलिए हम अपने शरीर पर रावण बाबा का नाम लिखवाते हैं जय लंकेश।

Read More: देर रात दिल्ली दौरे पर रवाना होंगे सीएम भूपेश बघेल, CWC की बैठक में होंगे शामिल

पूरा गांव कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज का है और लंकाधिपति भी कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। आज जब दशहरा पर हर तरफ रावण के पुतले का दहन होगा लेकिन यहां दिन भर उनकी पूजा-अर्चना होगी रावण बाबा की नाभि में तेल लगाया जाता है। नारियल प्रसाद चढ़ाया जाता है और शंखनाद किया जाता है।

Read More: JEE Advanced result 2021: जेईई एडवांस्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी, मृदुल अग्रवाल ने 99.66% प्राप्त कर रचा इतिहास


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"