सोन चिरैया की वापसी के लिए बन रहा नया प्लान, 2011 में आखिरी बार दिखी थी सोन चिरैया |A new plan is being made for the return of Son Chiriya

सोन चिरैया की वापसी के लिए बन रहा नया प्लान, 2011 में आखिरी बार दिखी थी सोन चिरैया

सोन चिरैया की वापसी के लिए बन रहा नया प्लान! A new plan is being made for the return of Son Chiriya

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : September 1, 2021/12:09 am IST

ग्वालियर: शहर में एक बार फिर सोन चिरैया की वापसी के लिए नया प्लान बन रहा है। वन विभाग एक हजार हेक्टेयर में सोन चिरैया को अनुकूल माहौल देने की तैयारी कर रहा है। 2011 में आखिरी बार दिखने वाली सोन चिरैया अब दोबारा दिखेगी। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है, ग्वालियर फॉरेस्ट विभाग ने काम भी शुरू कर दिया है, तो वहीं कांग्रेस इस प्रोजेक्ट को लेकर मैदान में है। योजना पर सवाल खड़े कर रही हैं।

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ग्वालियर के घाटीगांव सोन चिरैया अभयारण में सोन चिरैया को सहेजने के लिए साल 1981 में अभयारण की नींव रखी गई थी। इसका क्षेत्रफल 512 वर्ग किलोमीटर था, लेकिन अब डी-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया के बाद यह घट गया है। 2008 में घायल अवस्था में सोन चिरैया को देखा गया था। इसके बाद 2011 में सोन चिरैया को देखा गया। इसे वन विभाग ने अपने रिकार्ड में भी दर्ज किया है। लेकिन 2011 से लेकर अब तक इस अभयारण में सोनचिरैया की उपस्थिति नहीं देखी गई। बावजूद इसके अब नए सिरे से सोन चिरैया के नाम से नया प्लान शुरू हो रहा है।

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ग्वालियर और शिवपुरी जिले में आने वाले सोन चिरैया अभयारण के डी-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया कुछ समय पहले ही की गई है। यहां सालों से सोन चिरैया नहीं दिखी, तो वहीं ग्रामीण इलाकों के आसपास विकास कार्य रूक रहे थे। इसके बाद डी-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। इसके साथ ही जमीनों का क्रय-विक्रय शुरू किया गया। इससे खनन कारोबार, औद्योगिक क्षेत्र विकास, तिघरा फोरलेन, स्थानीय निर्माण कार्य और दूसरे विभागों के कार्यों के रास्ते खुल गए। डी-नोटिफिकेशन में सोन चिरैया अभ्यारण्य के कुल 512 वर्ग किलोमीटर के इलाकों में से 111 वर्ग किलोमीटर इलाका डी-नोटिफाई हो गया। ऐसे में अब फिर से सोन चिरैया के प्लान पर कांग्रेस सवाल उठा रही है।

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बहरहाल ग्वालियर के सोन चिरैया अभ्यारण में हिरण, चीतल, नीलगाय जैसे कई जानवर रहते हैं। साथ ही इस नए हैबिटेट को तिघरा, सुजवाया, पवा से आगे के क्षेत्र में तैयार किया जाएगा। ये पूरा प्लान पूर्व DFO अभिनव पल्लव ने बनाया था, जिसके बाद अब नए आए DFO बृजेंद्र श्रीवास्तव इसे आगे बढ़ाएंगे।

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