Crores of rupees loan came in the name of the deceased: आगर मालवा। कहा जाता है कि बैंक बिना किसी जांच-पड़ताल के किसी भी व्यक्ति को कर्ज नहीं देती है लेकिन आगर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है यहां एक मजदूर को 1 करोड़ रुपए का लोन बैंक द्वारा जारी कर दिया गया। इसकी जानकारी मजदूर को जीते जी तो नहीं मिली जब मजदूर की अचानक मौत हो गई तो बैंक वालों ने वसूली का नोटिस परिजनों को थमा दिया। अब बैंक का नोटिस दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिवार के लिए मुसीबत बन चुका है। मृतक मजदूर का परिवार न्याय की गुहार लगाते हुए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। पीड़ित पिता ने मामले में कार्रवाई के लिए एसपी सहित सोयत थाने में एक ट्रैक्टर एजेंसी संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी होने का आवेदन भी दिया है, लेकिन करीब 5 माह से अधिक समय से चक्कर काटने के बावजूद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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Crores of rupees loan came in the name of the deceased: आगर मालवा जिले के सोयत थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम श्रीपतपुरा का यह अजीब मामला सामने आया है। एक ट्रेक्टर एजेंसी के शोरूम पर नौकरी करने वाले मजदूर पवन के नाम से 8 ट्रेक्टर, 5 थ्रेसर सहित करीब 2 दर्जन अन्य कृषि यंत्र का लोन बैंक द्वारा निकाला गया। जिस ट्रेक्टर शोरूम पर मृतक युवक करीब 7 वर्षो से मजदूरी करता था उसके संचालको पर ही पूरी धोखाधड़ी करने का आरोप मृतक के पिता ने लगाते हुए सोयत पुलिस थाने में आवेदन दिया है। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर एसपी और एसडीओपी को भी आवेदन दिया गया है।
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Crores of rupees loan came in the name of the deceased: इस पूरे मामले में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। पहला की आखिर एक मजदूर को कैसे एक राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा इतना बड़ा लोन दे दिया। जिस बैंक (बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा इतना बड़ा लोन दिया गया वह आगर जिले से अलग राजगढ़ जिले में स्थित है, यानी आगर जिले के निवासी को देना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं था तो फिर लोन कैसे दिया गया। सूत्रों के अनुसार युवक को लोन किसी अनुसूचित जाति जनजाति के लिए चलाई जा रही सरकारी योजना के तहत दिया गया था। तो क्या यह पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से सब्सिडी हड़पने के लिए किया गया था।
Crores of rupees loan came in the name of the deceased: पीड़ित पिता के अनुसार उसे कोई जानकारी नहीं है कि लोन में निकाले गए ट्रेक्टर और मशीने कहां और किस हालत में है। सवाल यह भी है कि आखिर कैसे एक साथ 8 ट्रैक्टरों का किसी एक ही व्यक्ति के नाम पर फाइनेंस कर दिया गया। फिलहाल सोयत पुलिस मामले में जांच करने की बात कर रही है। जानकारों के अनुसार यदि मामले की तह तक जांच की जाए तो शासन की योजनाओं की सब्सिडी हड़पने का बड़ा मामला उजागर हो सकता है। जिसमे बैंक सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारी भी चपेट में आ सकते है। इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद भी पुलिस का ढिलपोल रवैया भी सवालों के घेरे में है।
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