हर तानसेन समारोह में परिवार के किसी सदस्य की हाजिरी लगे, यही है चाहत : अमजद अली खान
हर तानसेन समारोह में परिवार के किसी सदस्य की हाजिरी लगे, यही है चाहत : अमजद अली खान
ग्वालियर, 16 दिसंबर (भाषा) विख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने मंगलवार को 12 वर्ष बाद तानसेन समारोह में प्रस्तुति दी और कहा कि उनकी ख्वाहिश है कि इस विश्व विख्यात आयोजन में हर वर्ष उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य जरूर हाजिरी दे।
मंगलवार की शाम अपनी प्रस्तुति से तानसेन समारोह में शमां बांधने से पहले खान ने मंच से अपने विचार रखते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्वालियर का ही हूं और दुख है कि 12 वर्ष के बाद तानसेन समारोह में अपनी प्रस्तुति दे रहा हूं। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार है। मेरी ख्वाहिश है कि तानसेन समारोह के आयोजन में मेरे परिवार का कोई न कोई सदस्य हर वर्ष अपनी प्रस्तुति दे।’’
उल्लेखनीय है कि अमजद अली खान पूर्व में कुछ मौकों पर यह दर्द बयां कर चुके हैं कि उन्हें तानसेन समारोह जैसे आयोजन में बुलाया नहीं जाता है।
समारोह में उनके पुत्र अमान और अयान ने भी सरोद वादन की जुगलबंदी प्रस्तुत की और अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उसके बाद उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद वादन के जरिए कई रागों के साथ संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित की।
तानसेन समारोह के दूसरे दिन की शुरुआत सुबह की सभा में ध्रुपद गायन से हुई। इसके बाद सुनील पावगी ने गिटार से धुन छेड़ी और फिर रीतेश-रजनीश मिश्र का गायन हुआ। इसी सभा में दिल्ली के घनश्याम सिसौदिया ने सांरगी वादन पेश किया।
अब 17 दिसंबर को सुबह ध्रुपद गायन के बाद मुंबई के पंडित नवीन गंधर्व की प्रस्तुति होगी। उसके बाद कानपुर के विनोद द्विवेदी और आयुष द्विवेदी का गायन होगा। इसी दिन ग्वालियर की साधना मोहिते का गायन और अंत में विश्व गायन के तहत रोम के सिमोन मैटिएलो का बांसुरी वादन होगा। इसी दिन शाम को भी अन्य कलाकार प्रस्तुति देंगे।
इस वर्ष शास्त्रीय संगीत पर आधारित प्रतिष्ठित विश्व संगीत उत्सव ‘तानसेन समारोह’ का 101वां आयोजन है। मुख्यमंत्री यादव ने सोमवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी औपचारिक शुरुआत की।
भाषा सं ब्रजेन्द्र शफीक
शफीक

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