Elephant Rampage News: छग-एमपी बॉर्डर पर जंगली हाथियों का गजब आतंक.. कड़के की ठण्ड के बीच पेड़ों पर शरण लेने पर मजबूर कई ग्रामीण
Elephant Rampage News:हाथियों के निरंतर विचरण को देखते हुए वन विभाग ने दो अलग-अलग गश्ती दल गठित किए हैं। ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और लोगों को हाथियों से दूर रहने व बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।
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- हाथियों के आतंक से ग्रामीण बेघर
- ठंड में पेड़ों और पुलों के नीचे शरण
- तीन वर्षों से जारी हाथियों का मूवमेंट
Elephant Rampage News: अनूपपुर: जिले में पिछले तीन वर्षों से हाथियों का मूवमेंट ग्रामीणों के लिए डर का कारण बना हुआ है। इन दिनों तीन हाथियों का समूह बीते आठ दिनों से लगातार ग्रामीण इलाकों में दहशत फैलाए हुए है। हाथियों के आतंक से कहीं घर क्षतिग्रस्त हुए हैं तो कहीं फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
कई घरों को किया हाथियों ने तबाह
ताजा मामला कुकुरगोडा ग्राम पंचायत का है, जहां जंगल से सटे क्षेत्र में रहने वाले झुमुकलाल और बल्कू कोल का घर हाथियों ने एक बार फिर 27 तारीख को तोड़ दिया। बीते तीन वर्षों में उनके घर को कई बार नुकसान पहुंच चुका है। घर टूटने के बाद दोनों परिवार घर के पास बने पुल के नीचे रहने को मजबूर हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची है। इसी तरह पास की ग्राम पंचायत क्योटार में एक बैगा परिवार पिछले तीन वर्षों से हाथियों के डर के कारण बरगद के पेड़ पर रहने को मजबूर है। परिवार के तीन से चार सदस्य पेड़ पर खाट डालकर जीवन यापन कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड में यह हालात ग्रामीणों की मजबूरी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर रहे हैं।
पेड़ के के ऊपर, पुल के नीचे ले रहें है शरण
Elephant Rampage News: हाथियों की दहशत और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते ग्रामीणों को रात के समय कभी पेड़ों पर तो कभी पुल के नीचे शरण लेनी पड़ रही है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और 7 बच्चों के साथ ठंड में पुल के नीचे रात गुजारना बेहद कठिन हो गया है। वहीं 6 डिग्री सेल्सियस की ठंड में महीनों तक पेड़ पर रहना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
जानकारी के अनुसार, 23 दिसंबर को यह हाथियों का समूह एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मरवाही क्षेत्र से होते हुए अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील के चोलना और धनगवां वन बीट के जंगलों में पहुंचा। दिन में जंगल में विश्राम कर हाथी शाम और रात के समय आसपास के गांवों-कुसुमहाई, पालाडोल, झंडीटोला, चोई गांव, भलुवानटोला, बेल्हाटोला, कोषमटोला और सरईया टोला में पहुंचकर अब तक छह कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा चुके हैं।
ठोस कदम उठाने की जरूरत
Elephant Rampage News: हाथियों के निरंतर विचरण को देखते हुए वन विभाग ने दो अलग-अलग गश्ती दल गठित किए हैं। ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और लोगों को हाथियों से दूर रहने व बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक पीड़ित ग्रामीणों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाता है।
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