ग्रामीण भारत बंद के दौरान इंदौर की मंडियों में आवक पर मामूली असर |

ग्रामीण भारत बंद के दौरान इंदौर की मंडियों में आवक पर मामूली असर

ग्रामीण भारत बंद के दौरान इंदौर की मंडियों में आवक पर मामूली असर

:   Modified Date:  February 16, 2024 / 05:44 PM IST, Published Date : February 16, 2024/5:44 pm IST

इंदौर, 16 फरवरी (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से शुक्रवार को बुलाए गए ‘‘ग्रामीण भारत बंद’ के दौरान मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में जन-जीवन सामान्य बना रहा। हालांकि कारोबारी सूत्रों ने बताया कि स्थानीय मंडियों में किसानों की उपज की आवक पर मामूली असर दर्ज किया गया।

चश्मदीदों के मुताबिक जिले की सड़कों पर यातायात आम दिनों की तरह नजर आया और माल परिवहन की गतिविधियां भी सुचारु रूप से जारी रहीं।

एसकेएम और किसानों के कुछ अन्य संगठनों ने शहर के गांधी हॉल में एकत्रित होकर सभा की और संभाग आयुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में मांग की गई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून तत्काल बनाया जाए, सरकार द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहित किए जाने पर मौजूदा दरों के मुकाबले चार गुना मुआवजा दिया जाए और किसानों को 10,000 रुपये की सालाना पेंशन दी जाए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने एसकेएम के बुलाए ‘ग्रामीण भारत बंद’ को समर्थन नहीं दिया। बीकेएस के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा,’हम चाहते हैं कि किसानों के मसले हिंसक तरीकों से नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण ढंग से हल किए जाएं।’’

एसकेएम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते ‘ग्रामीण भारत बंद’ बुलाया था।

भाषा हर्ष संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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