Balaghat News: आजादी के कई सालों बाद भी इस गांव में अब तक नहीं बनी सड़क, मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण, नहीं हुई अब तक सुनवाई

Balaghat News: आजादी के कई सालों बाद भी इस गांव में अब तक नहीं बनी सड़क, मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण, नहीं हुई अब तक सुनवाई

Balaghat News: आजादी के कई सालों बाद भी इस गांव में अब तक नहीं बनी सड़क, मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण, नहीं हुई अब तक सुनवाई

Balghat News


Reported By: Hiten Chauhan,
Modified Date: January 13, 2024 / 01:02 pm IST
Published Date: January 13, 2024 12:58 pm IST

बालाघाट। Balaghat News:  बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पाद्रीगंज के वन ग्राम कोटा में आज भी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। देश आजाद हुए वर्षों बीत गए। बावजूद इसके यह गांव ऐसा है जहां आने जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है और यहां के लोगों को जंगल के पथरीले उबड़-खाबड़ रास्ते से आवागमन करना पड़ता है। खासतौर पर बारिश के मौसम में कीचड़ से होकर मुख्य मार्ग तक आना पड़ता है। लेकिन शासन प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है।

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बारिश के समय होती है दिक्कत

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दरअसल, वन ग्राम कोटा में बैगा आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं । मुख्य मार्ग से 6-7 किमी दूर गांव तक आने जाने के लिए कोई भी पक्की सड़क नहीं है। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि गांव तक पक्की सड़क बनाए जाने की मांग कई सालों से की जा रही है, लेकिन इस पर भी आज तक विचार नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कक्षा पांचवीं तक स्कूल है जिसमें केवल पांच बच्चे ही पढ़ाई करते हैं। स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि वह रोजाना 7 किलोमीटर दूर जंगल के रास्ते होते हुए साइकिल से यहां पहुंचती है। बारिश के दिनों में नदी, नाले में पानी होने की वजह से आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो जाता है। गांव में शुद्ध पेय जल के लिए नल जल के तहत पाइप लाइन तो बिछा दी गई है लेकिन उसमें पानी नहीं आता।

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Balaghat News:  वहीं बारिश के मौसम में अगर कोई बीमार हो जाता है तो गांव में एम्बुलेंस और जननी 108 भी नहीं पहुंच पाती है। कई बार गर्भवती महिलाओं को नदी में पानी अधिक होने पर खाट पर उठा कर अस्पताल तक लेकर जाना पड़ता है। वन ग्राम कोटा का मार्ग परिवर्तन कर राजस्व ग्राम में शामिल करने के प्रयास जारी है ताकि इस ग्राम का विकास हो सकें। अब सवाल यह उठता है कि सरकार द्वारा भले ही लाखों दावे किए जा रहे हैं कि ग्रामीण अंचल के विकास किया जा रहा है और ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन वन ग्राम कोटा आज भी इन सुविधाओं से कैसे वंचित रह गया है।

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