7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में सरकार, सीधे 10 हजार रुपए बढ़ जाएगी सैलरी

7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में सरकार, सीधे 10 हजार रुपए बढ़ जाएगी सैलरी! 7th pay commission salary

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  • Publish Date - May 4, 2023 / 09:01 AM IST,
    Updated On - May 4, 2023 / 05:15 PM IST

भोपाल: 7th pay commission salary प्रदेश में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है, जिसके चलते सरकार सभी वर्गों के लोगों को खुश करने की कवायद में जुटी हुई है। जहां एक ओर सरकार ने प्रदेश की बहनों को खुश करने के लिए लाडली बहना योजना शुरू की है तो अब खबर आ रही है कि सरकार सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है। जी सरकार जल्द ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी करने जा रही है।

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7th pay commission salary मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों को जल्द ही 7वें वेतनमान की सौगात देने वाली है। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों की सैलरी सीधे 8 से 10 हजार रुपए बढ़ जाएगी। 7वें वेतनमान का लाभ प्रदेश 48 हजार स्थाई कर्मियों को मिलेगा। ये वो कर्मचारी हैं जो दैनिक वेतनभोगी से नियमित कर्मचारी बनें हैं।हमारे 𝕎𝕙𝕒𝕥’𝕤 𝕒𝕡𝕡 Group’s में शामिल होने के लिए यहां Click करें

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जल्द बढ़ेगा महंगाई भत्ता

वहीं, खबर ये भी है कि मई में राज्य के लाखों अधिकारियों कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ने वाला है। इसको लेकर तैयारियां हो चुकी है। इस फैसले के बाद एमपी के कर्मचारियों का डीए भी केन्द्र के समान 38% से बढ़कर 42% हो जाएगा। इसे 1 जनवरी से लागू किया जा सकता है, ऐसे में 4 महीने का एरियर भी दिया जाएगा। हालांकि अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। इसका लाभ प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों को होगा और सैलरी में बंपर उछाल देखने को मिलेगा।

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कांग्रेस ने किया वादा

आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया है और प्रदेश कांग्रेस ने पेंशनर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात में वादा किया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले पुरानी पेंशन बहाली और पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ से सहमति की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया जाएगा। वचन पत्र में इन दोनों मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी। चूंकि राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 में सहमति लेने का प्रविधान है, हालांकि वर्ष 2017 में केंद्र सरकार कह चुकी है कि दोनों राज्य इसे समाप्त कर सकते हैं लेकिन इसको लेकर अब तक फैसला नहीं हुआ है, ऐसे में पेंशनरों में नाराजगी है।

 

 

 

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