MP Board Students| Photo Credit: MP DPR
White Revolution in MP: भोपाल। मध्यप्रदेश धीरे-धीरे भारत का “फूड बास्केट“ बन रहा है। बता दें कि, मध्यप्रदेश ने नवाचार और विकास की संभावनाओं के प्रमुख केंद्र के रूप में पहचान बनाई है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं।
तेजी से पैर पसार रही ‘श्वेत क्रांति’
मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से पैर पसार रही है। राज्य में दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है । इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है। राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है। राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
“सीड टू शेल्फ” थीम पर होगा विशेष सत्र
मध्यप्रदेश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं। 25 फरवरी 2025 को ‘इंवेस्ट मध्यप्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत “सीड टू शेल्फ” थीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा।