‘देश के दिल’ से PM मोदी ने सेट कर दिया चुनाव का एजेंडा! कार्यकर्ताओं में फूंकी जान…विपक्ष को बताया बेईमान
PM Modi has set the election agenda: लोकसभा चुनाव को अभी साल भर बाकी हैं। लेकिन उससे पहले करीब पांच माह बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सेमीफाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। ये तय है कि सेमीफाइनल मुकाबले भी भाजपा मोदी की कप्तानी में ही खेलेगी। और आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से मोदी ने चुनावी महासमर का शंखनाद कर दिया है।
PM modi visit in bhopal
PM modi visit in bhopal: भोपाल। राजधानी में आयोजित भाजपा के ‘मेरा बूथ- सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया। करीब एक हफ्ते की विदेश यात्रा से लौटने के बाद ये प्रधानमंत्री का पहला सार्वजनिक सियासी कार्यक्रम था। प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के बूथ प्रभारियों के साथ करीब दो घंटे लंबे चले सवाल-जवाब के दौरान एक साथ कई आयामों को साधने की कोशिश की। कार्यकर्ताओं के साथ हुए इस संवाद के जरिए ना केवल उन्होंने उनकी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका की धरती पर उठे सांप्रदायिता के आरोपों का जवाब दिया बल्कि विपक्षी दलों के गठबंधन की कोशिशों का करारा जवाब देते हुए अगला चुनाव मोदी वर्सेस ऑल होने की स्थिति पर उसकी काट की पृष्ठभूमि भी तय कर दी।
मोदी वर्सेस ऑल बनाकर चुनावी समर में जाने का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में अपनी सरकार की उपलब्धियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को तो गिनाया ही, साथ ही विपक्षी दलों पर चुन-चुनकर हमला बोला। संबोधन के दौरान मोदी की भाव- भंगिमा और उनके तेवर से साफ हो गया कि उन्होंने ‘देश के दिल’ से चुनावी शंखनाद कर दिया है। मोदी पूरे फार्म में दिखाई दिए। सबसे करारा हमला उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन की कोशिशों पर बोला। अगले चुनावी महासमर को श्मोदी वर्सेस ऑल’ बनाने में जुटे विपक्ष की चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने आज खुद ही इसे मोदी वर्सेस ऑल बनाकर चुनावी समर में जाने का ऐलान कर दिया।
मुफ्त योजनाओं की ‘गारंटियों’ पर तंज
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों की ओर से मतदाताओं को दी जा रही मुफ्त योजनाओं की श्गारंटियोंश् पर तंज कसते हुए इसे घोटालों की गारंटी निरूपित किया। मोदी ने पटना में 15 दलों के महाजुटान को फोटो सेशन करार दिया। मोदी ने कहा कि फोटो में नजर आ रहे नेताओं के घोटालों को मिला दिया जाए तो ये कम से कम 20 लाख करोड़ रुपए घोटाले की गारंटी है। उन्होंने कांग्रेस, राजद, टीएमसी, एससीपी, द्रमुक जैसे दलों के नेताओं के घोटालों की फेहरिश्त गिनाई और तंज कसा कि इनके घोटालों का कभी मीटर ही डाउन नहीं होता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर घोटाले इन नेताओं की गारंटी है तो एक गारंटी आज वो भी देशवासियों को दे रहे हैं। ये गारंटी है घोटालेबाजों को जेल भेजने की, ये गारंटी है देशवासियों से लूटे गए धन को लौटाने की गारंटी। मोदी पिछले चुनाव में अपने मतदाताओं से किए गए श्ना खाउंगा- ना खाने दूंगाश् के वादे का ही पुर्नस्मरण करा रहे थे।
अल्पसंख्यक विरोधी होने के आरोपों पर ट्रिपल अटैक
प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरा बड़ा संदेश अल्पसंख्यक वर्ग को दिया। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे कथित भेदभाव को लेकर उनसे पूछे गए सवाल और पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा के इंटरव्यू को आधार बनाकर यहां देश में विपक्षी दल मोदी सरकार को घेर रहे थे। सरकारी स्तर पर वित्त मंत्री सीतारमण पहले ही बाराक ओबामा को आइना दिखा चुकी थीं, इधर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार पर लगाए जा रहे अल्पसंख्यक विरोधी होने के आरोपों पर ट्रिपल अटैक किया। मोदी ने तीन तलाक, समान नागरिक संहिता और पसमांदा मुसलमानों का जिक्र करते हुए अपनी सरकार को तुष्टिकरण की बजाए संतुष्टिकरण के लिए काम करने वाली सरकार बताया। उन्होंने कट्टरपंथियों को निशाने पर लेते हुए इस बात पर हैरानी जताई कि जो प्रथा तमाम मुस्लिम देशों में बैन है, उसको भारत में बैन किए जाने का विरोध किया जा रहा था।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी विपक्ष को घेरा
प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम समाज की रहनुमाई करने वालों को वोट बैंक का भूखा बताते हुए इनसे सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो वोट बैंक की राजनीति के लिए इन दिनों यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) पर मुस्लिम समुदाय को भड़का रहे हैं। ये पहला मौका था जब प्रधानमंत्री मोदी ने किसी सार्वजनिक मंच से अपनी पार्टी के कोर एजेंडे समान नागरिक संहिता पर अपने विचार रखे। लोकतंत्र को खतरे में बताकर हमेशा संविधान की दुहाई देने वालों को प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान का ही हवाला देकर समान नागरिक संहिता को देश के लिए जरूरी बताया। मोदी ने कहा- ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। एक घर में दो कानून से घर नहीं चल पाएगा। भारत के संविधान मे भी नागरिक के समान अधिकार की बात की गयी है।‘ यहां ये बताना जरूरी है कि बीते दिनों ही लॉ कमीशन ने विज्ञप्ति जारी करके नागरिकों से समान नागरिक संहिता पर उनसे लिखित सुझाव मांगे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के गहरे सियासी मायने हैं। संदेश साफ है राम मंदिर का निर्माण और धारा 370 की समाप्ति के बाद भाजपा अपने तीसरे लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ चुकी है। अगले चुनाव में समान नागरिक संहिता को भाजपा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है।
पसमांदा मुसलमानों का भी भरोसा जीतने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपनी पार्टी के नए लक्षित वोटर वर्ग पसमांदा मुसलमानों का भी भरोसा जीतने की कोशिश की। पसमांदा वर्ग को मुस्लिम राजनीति का शिकार बताते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका हित भाजपा के संरक्षण में ही संभव है। दरअसल अपनी तिकड़ी सुनिश्चित करने के लिए भाजपा अपने वोट बैंक के विस्तार पर काम कर रही है। मोदी वर्सेस ऑल होने की स्थिति में अपने वोट शेयर को निर्णायक अंतर तक पहुंचाने के लिए भाजपा नए समर्थक वर्ग की तलाश में जुटी है। भाजपा ने केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के रूप में अपना नया वोट बैंक बनाया है। इस लाभार्थी वर्ग में पसमांदा वर्ग की बड़ी तादाद है। ये कुल मुस्लिम आबादी का करीब 85 फीसदी हिस्सा है। ये वर्ग भी अगर योजनाओं का लाभ लेने की एवज में भाजपा को वोट भी देने लगे तो भाजपा की जीत की गारंटी बन जाएगा।
अपनी सरकार को किसान हितैषी बताने की कोशिश
विपक्ष भाजपा को किसान विरोधी बताता रहा है। किसान आंदोलन के जरिए विपक्ष मोदी सरकार की इस छवि को मजबूत बनाने में सफल भी रहा है। अपनी इस छवि से ऊबरने के लिए भाजपा किसान सम्मान निधि, फसलों के समर्थन मूल्य में इजाफा, खाद की किल्लत दूर करने जैसे कदमों को गिनाती रही है। ‘मेरा बूथ-सबसे मजबूत’ के जरिए भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार को किसान हितैषी बताने की कोशिश की। खास बात ये रही कि किसानों से जुड़ा सवाल भी उस छत्तीसगढ़ के बूथ कार्यकर्ता ने पूछा जिस राज्य के किसान मॉडल को कांग्रेस अपनी यूएसपी के तौर पर प्रचारित करती है। कांकेर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ प्रभारी संजय पाढ़ी ने सवाल पूछा था कि भाजपा और कांग्रेस सरकार की ओर से चलाई जा रही किसान योजनाओं के एप्रोच में क्या अंतर है? जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान निधि का हवाला देते हुए किसानों को सवा दो लाख करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही। प्रधानमंत्री के इस दावे पर पलटवार करने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देर नहीं लगाई। सीएम ने इस राशि को ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर बताया है। सीएम भूपेश ने प्रधानमंत्री मोदी को किसानों की आय दोगुनी होने का वादा याद दिलाते हुए खेती को कॉर्पाेरेट हाउस को दिए जाने का आरोप लगाया है। बघेल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में धान की कीमत कम है, जबकि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान का दाम मिल रहा है।
लोकसभा चुनाव को अभी साल भर बाकी हैं। लेकिन उससे पहले करीब पांच माह बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सेमीफाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। ये तय है कि सेमीफाइनल मुकाबले भी भाजपा मोदी की कप्तानी में ही खेलेगी। और आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से मोदी ने चुनावी महासमर का शंखनाद कर दिया है।
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