Face To Face Madhya Pradesh: राहुल के बयान..क्या देश का अपमान? देश के आंतरिक मुद्दों पर विदेश जाकर क्यों बात करते हैं राहुल?
Face To Face Madhya Pradesh: राहुल के बयान..क्या देश का अपमान? देश के आंतरिक मुद्दों पर विदेश जाकर क्यों बात करते हैं राहुल?
Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24
- राहुल गांधी के बयान से मचा बवाल।
- राहुल गांधी के बयान ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका में हैं और पिछले मौकों की तरह फिर एक बार वो देश की राजनीतिक दशा-दिशा पर गंभीर टिप्पणियां कर रहे हैं। देश की निर्वाचित सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। जाहिर है इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या राहुल देश को नीचा दिखाकर अपनी सत्ता वाली राजनीति को चमकना चाहते हैं। ये सवाल है जो आज सीएम मोहन यादव ने पूछा और बीजेपी के कई और नेताओं ने भी पूछा ।
राहुल का ये बयान इस वक्त कांग्रेस के गले की हड्डी बना हुआ है। वो भी तब जब कांग्रेस ने नेशनल हेरल्ड मामले में देश के 52 शहरों में अपने बड़े नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भेजा हुआ है। असल में राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन की ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से महाराष्ट्र चुनावों के परिणामों का हवाला देते हुए ये कह दिया कि, चुनाव आयोग कंप्रोमाइज्ड है। भारत के सिस्टम में कुछ तो गड़बड़ियां हैं। जाहिर है राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी देश विरोधी बयान करार दे रही है। मोहन यादव ने तो यहां तक कह दिया यही कांग्रेस का चरित्र है।
Face To Face Madhya Pradesh: ये पहला मौका नहीं है जब राहुल ने देश के बाहर ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश की सियासत और सिस्टम पर सवाल खड़े कर चुके हैं और हर बार इसी तरह का माहौल देश की सियासत में बना है, लेकिन राहुल गांधी या कांग्रेस ने अब तक किसी बयान पर ना अफसोस जाहिर किया है ना ही बयान से किनारा। सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री खुद कई दफा विदेशी दौरे पर देश को अपमानित कर चुके हैं। इसमें कोई नयी बात नहीं है। बहरहाल राहुल गांधी के बयान ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस की चौतरफा घेराबंदी हो रही है। ये भी कहा जा रहा है कि देश के मसलों की चर्चा बाहर जाकर नहीं करनी चाहिए थी। हालांकि कांग्रेस अब भी उस स्टैंड पर कायम है जो राहुल ने बोस्टन में कहा है यानी चुनाव आयोग पारदर्शी नहीं है। देश में चुनावी प्रक्रिया भरोसे की नहीं है।

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