कर्नाटक की लड़ाई, MP में आई! कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के फैसले मचा रहे एमपी में सियासी बवाल
The battle of Karnataka has come to MP! The decisions of the new Congress government in Karnataka are creating political ruckus in MP
भोपाल। कर्नाटक में भले ही चुनाव खत्म हो गए हों… और नई सरकार भी बन गई हो… लेकिन कर्नाटक सरकार के फैसले मध्यप्रदेश में सियासी बवाल खड़ा कर रहे हैं… इसी कड़ी में कर्नाटक सरकार के धर्मांतरण संबंधी कानून पर रोक के ऐलान के बाद.. मध्य प्रदेश की राजनीति में नया विवाद शुरू हो गया है.. कांग्रेस कर्नाटक में घोषणा पत्र में किए वादे पूरे करने में जुटी है… तो वहीं एमपी में बीजेपी कांग्रेस को मुगलों का खून बता रही है… कुल मिलाकर कर्नाटक के नाटक पर एमपी में बवाल जारी है… देखिए यह रिपोर्ट….
कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के फैसले एमपी में सियासी बवाल बढ़ा रहे हैं… ताजा मामला कर्नाटक सरकार के धर्मांतरण संबंधी कानून पर रोक लगाने का है… धर्मांतरण कानून हटाने के साथ साथ कर्नाटक में स्कूलों के पाठ्यक्रम से RSS संस्थापक हेडगेवार और सावरकर की जीवनी भी हटाने का ऐलान किया गया है… इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश में बीजेपी बेहद नाराज़ है… गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इसे कांग्रेस का असली चरित्र और चेहरा करार दे रहे हैं… तो वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस नेताओं में मुगलों के खून की मिलावट का दावा कर दिया है।
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इधर, कांग्रेस का तर्क है कि बीजेपी शासित राज्यों में सरकारों ने कांग्रेस के महापुरुषों को पाठ्यक्रमों से बाहर किया था… यही वजह है कि कांग्रेस ने कर्नाटक में बीजेपी के राष्ट्रवादी विचारकों को किताबों से हटाया है।
सत्ता मिलने पर इतिहास बदलने का किस्सा कोई नया नहीं है.. सदियों से राजाओं से लेकर लोकतंत्र के अगुवाओं तक ने अपने अपने हिसाब से इतिहास लिखा और बताया है.. लेकिन धर्मांतरण और लव जिहाद रोकने के कानून को हटाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है.. दरअसल कर्नाटक चुनाव में बीजेपी कांग्रेस से बुरी तरह हारी है… जाहिर है कर्नाटक की हार का बदला.. सरकार की कमियों के तौर पर एमपी में निकाला जाएगा…

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