Face To Face Madhya Pradesh: हिंदू राष्ट्र की लड़ाई..’सांप्रदायिक हथियार’ तक आई, बागेश्वर सरकार के हिंदू ग्राम वाले ऐलान पर कांग्रेस को क्यों ऐतराज?
Face To Face Madhya Pradesh: हिंदू राष्ट्र की लड़ाई..'सांप्रदायिक हथियार' तक आई, बागेश्वर सरकार के हिंदू ग्राम वाले ऐलान पर कांग्रेस को क्यों ऐतराज?
Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24
- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम में देश का पहला हिंदू ग्राम बनाने का ऐलान क्या किया।
- अब कांग्रेस ने बागेश्वर सरकार पर सीधा निशाना लगा दिया है।
- कांग्रेस उन्हें बीजेपी का सांप्रदायिक हथियार बता रही है
भोपाल।Face To Face Madhya Pradesh: हिंदू ग्राम को लेकर शुरू हुई सियासत अब मुस्लिम ग्राम तक पहुंच गई है। केवल इतना ही नहीं अब कांग्रेस ने बागेश्वर सरकार पर सीधा निशाना लगा दिया है। दरअसल, उसने व्यक्तिगत प्रहार करते उन्हें सांप्रदायिक हथियार तक करार दिया। मतलब ये कि अब ये लड़ाई नेक्स्ट लेवल तक पहुंच गई है और ये भी तय है कि यहीं पर नहीं रुकने वाली । सवाल है इस नई लड़ाई से फायदा किसको होने वाला है?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम में देश का पहला हिंदू ग्राम बनाने का ऐलान क्या किया। कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने बागेश्वर सरकार को सांप्रदायिक हथियार बता दिया। अब सवाल उठता है कि क्या हिंदुत्व के सबसे बड़े पोस्टर बॉय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीजेपी के हथियार बन चुके हैं। कांग्रेस ने आखिर ये आरोप क्यों लगाया। ये भी समझने वाली बात है।
मध्यप्रदेश के छतरपुर में पीएम मोदी का धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मंच साझा करना हो या फिर बिहार में कथा के जरिए बागेश्वर सरकार का हुंकार जाहिर है। बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में हिंदुत्व की पिच पर बाबा बागेश्वर का फ्रंटफुट पर खेलना कांग्रेस का रास नहीं आ रहा। हालांकि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कह चुके हैं कि वो किसी पार्टी के लिए फिल्डिंग नहीं कर रहे।
Face To Face Madhya Pradesh: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चाहे कुछ भी कहें, लेकिन कांग्रेस तो उन्हें बीजेपी का सांप्रदायिक हथियार बता रही है जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है। कुल मिलाकर हिंदू ग्राम बनाम मुस्लिम ग्राम पर मचे सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बीजेपी का सांप्रदायिक हथियारबताकर बहस का नया मोर्चा खोल दिया है। इस मोर्चे पर कौन किसपर भारी पड़ेगा ये बड़ा सवाल है।

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