Why Study about Babri Masjid: ‘अपने बच्चों को बाबरी मस्जिद के बारे में क्यों पढ़ाएं’ NCERT की किताब में बदलाव का कांग्रेस नेता ने किया समर्थन
Why Study about Babri Masjid: 'अपने बच्चों को बाबरी मस्जिद के बारे में क्यों पढ़ाएं' NCERT के किताब में बदलाव का कांग्रेस नेता ने किया समर्थन
भोपाल: Why Study about Babri Masjid NCERT यानि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की किताबों में बदलाव किया है। स्कूली पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भों से जुड़े पाठ को हटा दिया गया है, जिसके बाद से पूरे देश की सियासत में बवाल मचा हुआ है। वहीं अब इस मामले को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
Why Study about Babri Masjid NCERT की किताबों से दंगे और बाबरी मस्जिद शब्द हटाये जाने पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इसपर किसी को क्यों आपत्ति है, ये सही है। बाबरी मस्जिद के बारे में हम क्यों अपने बच्चों को पाठ पढ़ाएं। ओवैसी की राजनीति केवल एक धर्म पर आधारित है, वो कोर्ट जाएं अगर घर गलत तरीके से तोड़े हैं।
वहीं, इस दौरान राहुल गांधी की नीयत पर सवाल खड़े करने वाले नेता कोई और नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह हैं। उन्होंने कहा है कि EVM पर प्रश्न खड़ा करना ठीक नहीं, ये कांग्रेस सरकार की ही देन है। सेंट्रल फोर्सेस की मौजूदगी में EvM में गड़बड़ी नहीं हो सकती है। केंद्र सरकार को गिराने की कोशिशों के बजाए कांग्रेस को मजबूत करना होगा। संगठन को मजबूत करने की मेरी नसीहतों पर आलाकमान कोई एक्शन नहीं ले रहा है, इसका मतलब मेरे सुझाव सही है।
बता दें कि एनसीईआरटी (NCERT) की नई रिवाइज्ड किताबें बाजार में आ चुकी हैं। इसमें कई तरह का बदलाव किया गया है। किताबों में अयोध्या विवाद, बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगों के संदर्भ में बदलाव किए गए हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं है। बाबरी मस्जिद की जगह ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ का जिक्र किया गया है। वहीं अयोध्या विवाद के टॉपिक को 4 पेज की जगह 2 पेज का कर दिया गया है। गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को भी हटाया गया है और किताब में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण हटा दिए गए हैं।
क्या-क्या बदला या हटाया गया?
- बाबरी मस्जिद की जगह तीन गुंबद वाली संरचना का जिक्र किया गया है।
- अयोध्या विवाद से जुड़े टापिक्स 4 पेज की जगह 2 पेज में समेट दिए गए हैं।
- बीजेपी की रथ यात्रा: सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा का जिक्र नहीं है।
- कार सेवक: 1992 की घटनाओं में स्वयंसेवकों की भूमिका हटा दी गई है।
- सांप्रदायिक हिंसा: 6 दिसंबर 1992 को विध्वंस के बाद हुई हिंसा के संदर्भ हटा दिए गए हैं।
- राष्ट्रपति शासन: भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने को बाहर रखा गया है।
- बीजेपी का अफसोस: अयोध्या की घटनाओं पर बीजेपी के अफसोस वाले बयानों को हटा दिया गया है।
- गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को हटाया गया है।
- हुमायूं, शाहजहां, अकबर, जहांगीर और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राटों की उपलब्धियों का विवरण देने वाली दो पेज की तालिका भी हटा दी गई है।

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