MP SIR 2025: मध्यप्रदेश के मतदाता ध्यान दें! SIR के लिए घर पर आएंगे BLO, गलत जानकारी देने पर हो सकती है जेल

मध्यप्रदेश के मतदाता ध्यान दें! SIR के लिए घर पर आएंगे BLO, BLOs will visit homes for Sir, providing incorrect information could land you in jail

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  • Publish Date - October 28, 2025 / 06:03 PM IST,
    Updated On - October 28, 2025 / 06:06 PM IST
HIGHLIGHTS
  • 21 साल बाद मध्यप्रदेश में फिर शुरू होगा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान।
  • 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे।
  • गलत जानकारी देने वालों को एक साल की सजा या जुर्माना हो सकता है।

भोपाल। MP SIR 2025: मध्यप्रदेश में करीब 21 साल बाद विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। आखिरी बार प्रदेश में यह अभियान 2002 से 2004 के बीच चला था। इस बार निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करवाएगा। इस प्रक्रिया को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी।

MP SIR 2025: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में इस समय 5 करोड़ 74 लाख मतदाता दर्ज हैं। पिछले कुछ समय से राजनीतिक दलों द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ियों को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे, इसी के चलते SIR की शुरुआत की जा रही है। SIR की तैयारी के तहत कल से कलेक्टर और ERO (इलेक्ट्रोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) की ट्रेनिंग शुरू होगी। इसके बाद जिला कलेक्टर अपने-अपने जिले के बीएलओ (Booth Level Officer) को प्रशिक्षित करेंगे। आज मध्यप्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई, जिसमें उनसे BLA (Booth Level Agent) की जानकारी मांगी गई। इसके साथ ही आज कलेक्टरों की ओर से भी जिला स्तर पर समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं।

घर-घर जाकर होगा सत्यापन

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म भरेंगे। इसके बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा और फिर दावे व आपत्तियाँ आमंत्रित की जाएंगी। राज्य में वर्तमान में 65 हजार 14 मतदान केंद्र (बूथ) हैं, जो बढ़कर लगभग 72 हजार हो जाएंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। फिलहाल कई बूथों पर मतदाताओं की संख्या 1200 से ज्यादा है, जिन्हें अब विभाजित किया जाएगा।

डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं, गलत जानकारी पर सजा

पिछली बार हुए SIR की तरह इस बार भी जिन परिवारों के नाम पहले से सूची में दर्ज हैं, उन्हें नए दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगीकेवल फॉर्म में जानकारी भरना पर्याप्त रहेगा। वहीं, गलत जानकारी देने पर एक साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से डुप्लिकेट, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना और नए पात्र मतदाताओं को शामिल करना है, ताकि आगामी चुनावों में सटीक मतदाता सूची उपलब्ध हो सके।

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SIR क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (विशेष गहन पुनरीक्षण) — एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का घर-घर जाकर सत्यापन करता है ताकि सूची से डुप्लिकेट, मृत या गलत प्रविष्टियाँ हटाई जा सकें और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जा सकें।

मध्यप्रदेश में SIR कब शुरू होगा?

SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इस दौरान बीएलओ मतदाताओं से संपर्क कर फॉर्म भरवाएंगे।

मतदाता सूची का प्रारूप कब जारी होगा?

9 दिसंबर 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद नागरिक दावे और आपत्तियाँ दर्ज करा सकेंगे।

क्या दस्तावेज देना जरूरी है?

अगर मतदाता का नाम पहले से सूची में है, तो कोई नया दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। केवल फॉर्म भरना होगा।

गलत जानकारी देने पर क्या कार्रवाई होगी?

निर्वाचन आयोग ने चेतावनी दी है कि गलत जानकारी देने पर एक साल की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है।