Chhindwara Cough Syrup Case: ‘छिंदवाड़ा की घटना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी, सकारात्मक भूमिका निभाए विपक्ष’.. कफ सिरप मामले को लेकर सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान

'छिंदवाड़ा की घटना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी, सकारात्मक भूमिका निभाए विपक्ष'.. Chhindwara Cough Syrup Case: CM Mohan Yadav's big statement on the cough syrup case

Chhindwara Cough Syrup Case: ‘छिंदवाड़ा की घटना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी, सकारात्मक भूमिका निभाए विपक्ष’.. कफ सिरप मामले को लेकर सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान
Modified Date: October 8, 2025 / 11:58 pm IST
Published Date: October 8, 2025 7:57 pm IST

भोपाल: Chhindwara Cough Syrup Case: एमपी के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने के चलते 17 बच्चों की मौत हो गई। वहीं पांढुर्ना में एक और बैतूल में दो बच्चों ने दम तोड़ दिया। इस हृदय विदारक घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब राज्य में इस तरह की कोई चूक होती है तो दुख होता है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी अपनी भूमिका निभाएं। अपनी बात नेता प्रतिपक्ष भी बताएं। चुनाव तो पांच साल में आते हैं, लेकिन ऐसे मसलों पर विपक्ष को भी सकारात्मक भूमिका निभाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से भी आग्रह किया कि वह केवल आलोचना तक सीमित न रहे, बल्कि समाधान सुझाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक आलोचना का कोई बुरा नहीं मानता।

बीते 24 घंटे में तीन बच्चों की मौत

Chhindwara Cough Syrup Case: बता दें कि नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तामिया की धानी डेहरिया (डेढ़ वर्ष), जुन्नारदेव के ज्यांशु यदुवंशी (2 वर्ष) और रीधोरा के वेदांश पवार (ढाई वर्ष) ने दम तोड़ दिया हैइन मौतों के बाद छिंदवाड़ा जिले में मृतकों की कुल संख्या 17 तक पहुंच गई है। पांढुर्ना में भी एक जान पहले जा चकी है। बैतूल में भी दो बच्चों की मौत हुई है। अब भी पांच बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

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सिरप पीने के बाद बिगड़ी तबीयत, जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही

जांच में सामने आया है कि कुछ निजी चिकित्सकों, जिनमें डॉ. प्रवीण सोनी का नाम प्रमुख है, ने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ दी थी। सिरप पीने के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की किडनी प्रभावित होने लगी और हालत लगातार बिगड़ती चली गई। मेडिकल जांच में इस सिरप में जहरीले रासायनिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जो शरीर में पहुंचकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा था। इसी कारण कई बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।