श्योपुर, 28 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के श्योपुर में सोमवार को उच्च जाति के कथित अतिक्रमणकारियों ने दलितों को सरकारी जमीन पर एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया, जिसके बाद दोनों समूहों के बीच पथराव शुरू हो गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना लीलदा गांव में हुई और दलति समुदाय के लोगों ने मृतक के शव को सड़क पर रखकर यातायात बाधित किया।
अधिकारी ने कहा, “दलित व्यक्ति की कुछ दिन पहले बेंगलुरु में एक हादसे में मौत हो गई थी। व्यक्ति के परिजन और समुदाय के सदस्य शव को अंतिम संस्कार के लिए एक सरकारी जमीन पर ले जा रहे थे, जिस पर उच्च जाति के कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।”
उन्होंने बताया, “अतिक्रमणकारियों ने दलितों को उक्त जमीन पर व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। इस विवाद के कारण दोनों पक्षों में पथराव हुआ, जिसके बाद मृतक जाटव समुदाय के लोगों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।”
श्योपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वीरेंद्र जैन ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा दोनों पक्षों को शांत कराया।
जैन के मुताबिक, जाटव समुदाय के श्मशान घाट को रेलवे ने अधिग्रहित कर लिया है, जिसके बाद वे दूसरे समुदाय के कब्जे वाली जमीन पर मृतक का अंतिम संस्कार कर रहे थे, जिससे गतिरोध पैदा हो गया।
एसपी ने बताया, “एसडीएम और एसडीओपी मौके पर हैं। स्थिति पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। दोनों पक्षों को समझाया जा रहा है।”
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि यह जमीन सरकार की है और अधिकारियों ने श्मशान घाट के अधिग्रहण के बाद उन्हें यहां अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी थी। उसने आरोप लगाया कि ऊंची जाति के लोगों ने इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
भाषा
सं दिमो पारुल
पारुल
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