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MP News: सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया चंबल अभयारण्य का भ्रमण, नदी में छोड़े घड़ियाल, कही ये बात

MP News: सीएम डॉ. मोहन यादव सोमवार को वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य पहुंचे।

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Modified Date: February 17, 2025 / 05:00 PM IST
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Published Date: February 17, 2025 5:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • देश में ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाए जाते हैं।
  • विश्व में लगभग तीन हजार घड़ियाल हैं, तो इनमें से 85 प्रतिशत चंबल नदी में हैं।
  • मध्यप्रदेश में वर्ष 1978 में इसे वन्य-जीव अभयारण्य के रूप में मान्यता दी गई थी।

भोपाल। प्रकृति ने मध्यप्रदेश को कई वरदान दिए हैं। सघन वन, वृक्षों की विविधता के साथ ही वन्य-प्राणियों की भी विविधता मध्यप्रदेश में देखने को मिलती है। वनों और वन्य-प्राणियों से मध्यप्रदेश की एक अलग पहचान बनी है। मध्यप्रदेश बाघ, तेंदुआ और घड़ियाल जैसे प्राणियों की सर्वाधिक संख्या वाला प्रदेश है। चीता पुनर्स्थापन करने वाला मध्यप्रदेश एक मात्र प्रदेश है।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य पहुंचे। सीएम ने चंबल अभयारण्य का भ्रमण कर चंबल नदी के घड़ियाल अभयारण्य की व्यवस्थाओं का अवलोकन कर पर्यटन सुविधाओं का जायजा लिया।

 

सीएम यह भी बोले

* देश में ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाए जाते हैं।
* विश्व में लगभग तीन हजार घड़ियाल हैं, तो इनमें से 85 प्रतिशत चंबल नदी में हैं।

* करीब चार दशक पहले घड़ियालों की गणना का कार्य शुरू हुआ, जिससे घड़ियालों के इतनी बड़ी संख्या में चंबल में होने की जानकारियां सामने आईं।

* राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्य-जीव अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटकों में यह चंबल बोट सफारी के नाम से प्रसिद्ध है

* यह तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयासों से एक प्रमुख संरक्षण परियोजना है

* मध्यप्रदेश में वर्ष 1978 में इसे वन्य-जीव अभयारण्य के रूप में मान्यता दी गई थी

* चंबल घड़ियाल वन्य-जीव अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य लुप्तप्राय: घड़ियाल, लाल मुकुट छत वाले कछुए और लुप्तप्राय गांगेय डॉल्फिन को संरक्षित करना है।

 

 

चंबल नदी में कितने घड़ियाल पाए जाते हैं?

चंबल नदी में दुनिया के लगभग 85 प्रतिशत घड़ियाल पाए जाते हैं, जो इस नदी को घड़ियालों का प्रमुख घर बनाता है।

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य घड़ियाल, लाल मुकुट छत वाले कछुए और गांगेय डॉल्फिन जैसे लुप्तप्राय प्राणियों का संरक्षण करना है।

चंबल बोट सफारी क्या है?

यह एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है जहां पर्यटक चंबल नदी के आस-पास की सुंदरता और वन्यजीवों का अनुभव कर सकते हैं।

चंबल अभयारण्य की स्थापना कब हुई थी?

चंबल अभयारण्य को 1978 में वन्य-जीव अभयारण्य के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।