भोपाल: CM Shivraj Singh Chauhan मध्यप्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव को अभी डेढ़ साल का वक्त हो लेकिन बीजेपी को चुनाव की चिंता सताने लगी है। इसलिए एंटी इनकम्बेंसी कम करने के फॉर्मूले पर शिवराज सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों से क्षेत्र के पांच बड़े काम पूछे हैं। सरकार ने 127 BJP विधायको से ही काम के प्रपोजल मांगे हैं। इसे कांग्रेस नेता भेदभाव बता रहे हैं।
Read More: मिशन 2023 में जीत के लिए जुटी BJP, बूथ विस्तारक अभियान का हुआ आगाज
CM Shivraj Singh Chauhan विधानसभा चुनाव 2023 से पहले शिवराज सरकार अपना किला और मजबूत करना चाहती है। इसके लिए विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में एक समान विकास कार्य कराया जाएगा। सरकार ने बीजेपी विधायकों से क्षेत्र की 5 ऐसी विकास योजनाओं का प्रस्ताव भेजने को कहा है जो कुल 15 करोड़ रुपए तक की बजट सीमा में आते हों। इन योजनाओं को बजट प्रस्तावों में शामिल किए जाने की कवायद चल रही है।
मंत्रालय से बीजेपी विधायकों को भेजे गए पत्र में क्षेत्र के 5 ऐसे कार्यों की डीपीआर बनाकर मांगे गए हैं। विधायकों ने अपने क्षेत्र की प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजना शुरू भी कर दिया है। इधर कांग्रेस विधायकों में इस तरह का कोई संदेश नहीं मिलने पर नाराजगी है। विपक्ष सरकार की इस कवायद को पक्षपात बता रहा है। वहीं विपक्ष के विरोधी स्वर पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब दिया।
विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना की वजह से पिछले दो साल से विकास कार्य पिछड़े हुए हैं। जनता अपने क्षेत्र के विधायक से काफी नाराज है। ऐसे में सरकार की मंशा है कि दो साल में विकास को पटरी पर लाया जाए। विधायकों से प्लान मांगने के पीछे विधानसभा चुनाव के पहले एंटी इनकंबेंसी दूर करने का मकसद है। लेकिन इसमें भेदभाव को लेकर विवाद उठ रहा है।