अदालत ने पीथमपुर संयंत्र में यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के ‘परीक्षण’ की अनुमति दी

अदालत ने पीथमपुर संयंत्र में यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के ‘परीक्षण’ की अनुमति दी

अदालत ने पीथमपुर संयंत्र में यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट निपटान के ‘परीक्षण’ की अनुमति दी
Modified Date: February 18, 2025 / 01:26 pm IST
Published Date: February 18, 2025 1:26 pm IST

जबलपुर, 18 फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को भोपाल स्थित बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकले 40 वर्ष पुराने रासायनिक कचरे को धार जिले के पीथमपुर क्षेत्र में निपटान का परीक्षण करने की मंगलवार को अनुमति दे दी।

महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बताया कि 27 फरवरी से तीन चरणों में परीक्षण के तौर पर कचरे का निपटान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सरकार ने मंगलवार को कचरा निपटान प्रक्रिया के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जनवरी में उच्च न्यायालय द्वारा मांगी गई अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की।

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पीथमपुर के स्थानीय लोग अपने क्षेत्र में कचरे के नियोजित निपटान का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

भोपाल गैस त्रासदी में 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि जागरूकता अभियान चलाये जाने के बाद निपटान का परीक्षण करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सिंह ने बताया कि परीक्षण तीन चरणों में किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक चरण में 10 टन कचरे का निपटान होगा।

उन्होंने बताया कि पहले परीक्षण में 135 किलोग्राम प्रति घंटे की दर से कचरे का निपटान किया जाएगा जबकि दूसरे और तीसरे चरण में इसे बढ़ाकर 180 किलोग्राम प्रति घंटे और 270 किलोग्राम प्रति घंटे किया जाएगा।

महाधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, पहला परीक्षण 27 फरवरी को और दूसरा चार मार्च को किया जाएगा हालांकि तीसरे परीक्षण की तारीख अब तक तय नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि परीक्षण के नतीजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपे जाएंगे, जो उसके बाद ‘फीड रेट’ निर्धारित करेगा, जिस पर शेष कचरे का निपटान किया जाएगा।

यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से कुल 337 टन खतरनाक कचरा पीथमपुर निपटान संयंत्र पहुंचाया गया है।

अदालत में 27 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट पेश की जाएगी।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश


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