भोपाल : Face To Face Madhya Pradesh : आज एक ऐसे विषय पर बात करेंगे जो इमोशनल के साथ-साथ राजनीति से गहरा तालुकात रखता है। दरअसल, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पिछले एक महीने में तीन दफा ऐसे बयान दिए हैं जो सुर्खियों के साथ-साथ सवाल भी बन गए हैं। पहले खुद को टाइगर बताना,फिर जोर शोर से डीजे ताशे बजाने वाला बयान,और अब चरण कमल वाला बयान। ऐसे में सवाल है कि करीब दो दशक तक प्रदेश की सियासत का केंद्र रहे इस शख्स का भविष्य आखिर क्या होगा? और इस तरह के बयान के आखिर क्या मायने हैं। क्या ऐसे बयान विपक्षियों के लिए हथियार तो नहीं।
Face To Face Madhya Pradesh : 17 साल तक मध्यप्रदेश के मुखिया रहे शिवराज सिंह चौहान के इस बयान को आप जिंदगी की हकीकत भी मान सकते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में तीन ऐसे बयान आए हैं। जिसे सुनकर ये समझा जा सकता है कि उनसे अनदेखी बर्दाश्त नहीं हो रही है और चार बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी वो शायद खुद को अभी भी इस पद के लिए परफैक्ट मानते हैं। पहले तो पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व को सामने लाकर चुनाव लड़ा और फिर तीन बार के विधायक डॉ मोहन यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। लेकिन बीजेपी आलाकमान ने जिस तरह से मुख्यमंत्री और सरकार का चेहरा बदला उस तरीके की उम्मीद शायद किसी को नहीं रही होगी। नतीजा ये रहा कि इस फैसले के बाद कुछ दिन से तो सन्नाटा है लेकिन जैस- जैसे दिन गुजरते गए सिर्फ शिवराज सिंह चौहान का दर्द गाहे बगाहे सामने आने लगा।
वैसे शिवराज सिंह चौहान को समर्थन एक दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री का मिला। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा कि सही फ़रमाया आपने शिवराज सिंह चौहान इसीलिए मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कभी भी सरकारी विज्ञापन में अपना चित्र लगाने के लिए नहीं कहा था। ये सही है कि दिग्विजय सिंह ने खुद के कार्यकाल का उदाहरण देकर अपनी बात रखी लेकिन कांग्रेस के दूसरे नेता बीजेपी के अंदर हो रही इस तरह की बयानबाजी पर शिवराज सिंह चौहान को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।
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Face To Face Madhya Pradesh : यदि आप मध्यप्रदेश की सियासत का इतिहास देखेंगे तो सरकारी विज्ञापन में मुख्यमंत्री का फोटो लगाने की परंपरा अर्जुन सिंह के दौरान शुरु हुई थी, लेकिन सच्चाई है जनता के वोट के आगे न विज्ञापन नहीं लगाने वाले मुख्यमंत्री बचे न ही विज्ञापन लगाने वाले। मगर इस सब के बीच सवाल ये है कि क्या वाकई शिवराज सिंह चौहान की अनदेखी हो रही है? और क्या ऐसे बयानों से BJP को लोकसभा में नुकसान होगा?
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