नक्सलवाद रुपी ‘सांप’ फिर से फन ना उठा सके, इसके लिए सारे जतन करेगी सरकार: मोहन यादव

नक्सलवाद रुपी ‘सांप’ फिर से फन ना उठा सके, इसके लिए सारे जतन करेगी सरकार: मोहन यादव

नक्सलवाद रुपी ‘सांप’ फिर से फन ना उठा सके, इसके लिए सारे जतन करेगी सरकार: मोहन यादव
Modified Date: December 12, 2025 / 06:50 pm IST
Published Date: December 12, 2025 6:50 pm IST

भोपाल, 12 दिसम्बर (भाषा) मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्यप्रदेश से नक्सलवाद के खात्मे को अपने दो साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अब उनकी सरकार वह सारे कदम उठाएगी ताकि यह ‘सांप’ फिर से फन ना उठा सके।

मुख्यमंत्री के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा करने के अवसर पर राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यादव ने यह बात कही।

उन्होंने 13 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश के 19 वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने वाले यादव ने कहा कि 35 साल पुरानी माओवाद की चुनौती को 31 मार्च 2026 तक खत्म कर प्रधानमंत्री ने नक्सल मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लक्ष्य को हासिल करने के लिए संकल्प के साथ काम किया।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ये कहते हुए गर्व हो रहा है कि तय समय से पहले मध्यप्रदेश नक्सल मुक्त हो चुका है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समेकित रूप से काम किया जाता है तो उसके सकारात्मक परिणाम भी आते हैं और मध्यप्रदेश में नक्सलवाद का सफाया इसका एक उदाहरण है।

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी। बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के अंदर जिन भी कारणों से यह (नक्सलवाद) फैला था, हम अंदर से अपने उसे तंत्र को मजबूत करेंगे ताकि दोबारा यह सांप अपना फैन नहीं फैला सके।’’

यादव ने मध्यप्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने के क्रम में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों और आम नागरिकों को सलाम किया और कहा कि सरकार ने नक्सलियों के सामने दो ही विकल्प रखे थे कि या तो वे समर्पण कर दें नहीं तो पुलिस बल उनसे निपटने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि इन दोनों नीतियों का कारगर असर यह हुआ कि इस लड़ाई के आखिरी-आखिरी तो ऐसी स्थिति बनी कि नक्सलियों के भीतर पहले सरेंडर करने की होड़ मच गई।

बालाघाट जिले के बिरसा थानाक्षेत्र में कोरका के केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर में दो कुख्यात नक्सलियों – दीपक और रोहित – ने बृहस्पतिवार को आत्मसमर्पण कर दिया था।

दीपक पर 29 लाख रुपये और रोहित पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था तथा दोनों ने मुख्य धारा में लौटने की इच्छा जताते हुए आत्मसमर्पण कर दिया।

इस घटनाक्रम के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री यादव ने मध्यप्रदेश के नक्सलवाद से मुक्त हो जाने की आधिकारिक घोषणा की थी।

यादव ने शुक्रवार को सरकार के दो साल पूरा होने के अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में नक्सलवाद के खिलाफ ठोस रणनीति नहीं बनाने के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 1990 में नक्सलवाद ने दस्तक दिया था और उसके बाद लगातार ऐसी घटनाएं सामने आती रहीं।

उन्होंने कहा कि नक्सली हमलों में कई पुलिसकर्मियों की हत्या हुई और और राज्य के एक मंत्री को नक्सलियों ने उन्हें घर से निकालकर मौत के घाट उतार दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘उन दिनों राज्य और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थीं। इतनी बड़ी घटना के बाद भी नक्सलवाद के सफाए के लिए न कोई ठोस योजना बनी और ना ही कोई ठोस रणनीति। परिणाम यह हुआ कि आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहीं और हमारे लोग मौत के घाट उतारे जाते रहे।’’

यादव ने कहा कि उन्हें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने लक्ष्य तय किया और गृह मंत्री शाह ने मार्गदर्शन दिया और अब देश से नक्सलवाद का सफाया हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जब शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की समय सीमा की घोषणा की थी तो वह चौंक गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसके बाद जब मैंने गृह मंत्री से बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि बिल्कुल चिंता मत करो। समय सीमा में इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। सुनकर बड़ा अच्छा भी लगा।’’

भाषा ब्रजेन्द्र दिमो नरेश रंजन

रंजन


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