Gwalior Anukampa Niyukti Fraud: नौकरी के लिए जिंदा पिता को बता दिया मृत, एक की जगह परिवार के 3 सदस्यों को मिली नियुक्ति, दिमाग चकरा देगी फर्जीवाड़ा की ये कहानी

नौकरी के लिए जिंदा पिता को बता दिया मृत, एक की जगह परिवार के 3 सदस्यों को मिली नियुक्ति, Gwaliyor Anukampa Niyukti Fraud: Three people got jobs by declaring their living father as dead

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - August 8, 2025 / 12:53 PM IST,
    Updated On - August 8, 2025 / 03:06 PM IST
HIGHLIGHTS
  • जिंदा पिता को मृत दिखाकर बेटे ने 2008 में अनुकंपा नियुक्ति ली
  • वास्तविक मृत्यु के बाद छोटे बेटे को 2023 में नियुक्त किया गया
  • बड़े बेटे की मृत्यु पर उसकी पत्नी को 2023 में तीसरी नियुक्ति मिल गई

ग्वालियरः Gwaliyor Anukampa Niyukti Fraud: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की मौत पर परिवार के तीन लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति ले ली। पिता को मृत बताकर पहले बड़े बेटे ने नौकरी ले ली। फिर मौत के बाद छोटे बेटे ने नौकरी ज्वाइन कर ली। अब बड़े बेटे की मौत पर उनकी पत्नी को नियुक्ति दी गई है। इस खुलासे से अब विभाग में हड़कंप मच गया है।

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Gwaliyor Anukampa Niyukti Fraud: मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर के पीएचई विभाग में पंप अटेंडर के रूप में सेवा देने वाले भूप सिंह राजपूत को उनके बड़े बेटे रवि ने कागजों में मृत बताकर उनकी जगह पर अनुकंपा नियुक्ति ले ली, जबकि भूप सिंह उस समय उसी विभाग में नौकरी कर रहे थे. रवि राजपूत को 5 सितंबर 2008 को हेल्पर की नौकरी दी गई। इसके बाद जब भूप सिंह राजपूत की सच में 30 अक्टूबर 2021 को मौत हो गई तो उनके छोटे बेटे पुष्पेंद्र को 10 फरवरी 2023 को कार्यभारित स्थापना में (अराज्यस्तरीय) चौकीदार बनाया गया।

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हद तो तब हो गई जब बड़े बेटे रवि की मौत हो गई तो उसकी जगह पर उसकी पत्नी उमा राजपूत को अनुकंपा नियुक्ति दी गई. जानकारी के अनुसार बड़े बेटे रवि राजपूत की 12 जून 2022 को मौत हो गई, जिस पर उसकी पत्नी उमा राजपूत ने अनुकंपा के लिए आवेदन किया और जांच समिति के फैसले के बाद 5 अक्टूबर 2023 को उमा को सहायक केमिस्ट के पद पर नियुक्ति दे दी गई। जिस परिवार में केवल एक ही अनुकंपा नियुक्ति होनी थी, वहां पर तीन-तीन नौकरियां ली गई।

यह फर्जीवाड़ा किस विभाग में हुआ?

यह मामला ग्वालियर के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग में सामने आया है।

एक परिवार को कितनी अनुकंपा नियुक्तियाँ मिलीं?

एक ही परिवार को तीन अनुकंपा नियुक्तियाँ दी गईं — पहले बेटे, फिर छोटे बेटे, और फिर बहू को।

फर्जीवाड़ा कैसे हुआ?

बेटे ने पिता को मृत बताकर नौकरी ली, जबकि पिता उस समय जीवित और कार्यरत थे।

क्या इस मामले में जांच होगी?

हां, विभाग में जांच समिति का गठन किया गया है, और कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

अनुकंपा नियुक्ति का असली नियम क्या कहता है?

नियमों के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार को एक ही सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है।