MP News: मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया का बड़ा बयान, पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर साधा हमला, बीजेपी और आरएसएस पर बोला कि…
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और बड़े दलित नेता फूलसिंह बरैया ने हाल ही में पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। बरैया ने IBC24 से बातचीत में कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे अवैज्ञानिक और अंधविश्वासी लोगों की वजह से देश में विज्ञान की प्रगति रुक गई है।
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- फूलसिंह बरैया ने धीरेंद्र शास्त्री को अवैज्ञानिक और अंधविश्वासी बताया।
- कथाओं के लिए शास्त्री 2 करोड़ रुपए फीस लेते हैं, जो गरीबों के लिए असंभव है।
- मोदी, बीजेपी और आरएसएस धीरेंद्र शास्त्री को अपने एजेंडे के लिए समर्थन देते हैं।
MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और बड़े दलित नेता फूलसिंह बरैया ने हाल ही में पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। बरैया ने IBC24 से बातचीत में कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे अवैज्ञानिक और अंधविश्वासी लोगों की वजह से देश में विज्ञान की प्रगति रुक गई है। उनका मानना है कि ऐसे लोग देश में अंधविश्वास को बढ़ावा देकर समाज को पीछे ले जा रहे हैं।
फूलसिंह बरैया ने क्या कहा ?
फूलसिंह बरैया ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री VIP कल्चर की बात करते हैं, लेकिन खुद कथाओं के लिए भारी-भरकम फीस लेते हैं। उन्होंने बताया कि शास्त्री एक कथा के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए फीस लेते हैं, जो सामान्य गरीब जनता के बस की बात नहीं है। इस प्रकार का महंगा शुल्क केवल एक विशेष वर्ग के लिए संभव है, और यह बात देश के सामाजिक-आर्थिक विभाजन को और गहरा करती है।
MP News: बरैया का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री के कथन और उनके कार्यक्रमों में ऐसा अंधविश्वास फैलाया जा रहा है, जो विज्ञान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसे अंधविश्वास ने देश में वैज्ञानिक सोच को बाधित किया है और लोगों को गलत दिशा में ले जा रहा है। लोग कथाओं और अंधविश्वास में फंसकर अपने जीवन को जटिल बना रहे हैं, जो देश के विकास के लिए हानिकारक है।
मोदी सरकार पर भी साधा निशाना
फूलसिंह बरैया ने मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि इन संगठनों ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोगों को बढ़ावा दिया है, जिससे अंधविश्वासी लोग उनकी बातों में आकर वोट भी देते हैं। उन्होंने कहा कि इस रणनीति के कारण सामाजिक विघटन और सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि देश के आदिवासी और कई अन्य समुदाय खुद को हिंदू नहीं मानते हैं। झारखंड जैसे राज्यों में बिल भी पास हो चुका है जिसमें आदिवासी समुदाय ने स्पष्ट रूप से हिंदू धर्म को नहीं अपनाने की बात कही है। बरैया ने कहा कि बीजेपी, आरएसएस और उनके समर्थक उन लोगों को हिंदू बताते हैं, जिन्हें परंपरागत हिंदू धर्म में ‘शूद्र’ माना गया है, जो सामाजिक न्याय की दृष्टि से सही नहीं है।

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