Chhindwada Death News: सही साबित हुई IBC24 की आशंका, जहरीली दवा ने ही ली 9 बच्चों की जान, कफ सिरप के चलते हुई बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में हुई 9 मासूम बच्चों की संदिग्ध मौतों की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। जिस आशंका को पहले IBC24 ने प्रमुखता से उठाया था, वह अब सच्चाई में तब्दील हो चुकी है।

Chhindwada Death News: सही साबित हुई IBC24 की आशंका, जहरीली दवा ने ही ली 9 बच्चों की जान, कफ सिरप के चलते हुई बच्चों की मौत

Chhindwada Death News

Modified Date: October 4, 2025 / 01:57 pm IST
Published Date: October 4, 2025 1:52 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छिंदवाड़ा- सही साबित हुई IBC24 की आशंका
  • जहरीली दवा ने ही ली 9 बच्चों की जान
  • कोल्डड्रिफ कफ सिरप पीने से ही हुई बच्चों की मौत

Chhindwada Death News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में हुई 9 मासूम बच्चों की संदिग्ध मौतों की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। जिस आशंका को पहले IBC24 ने प्रमुखता से उठाया था, वह अब सच्चाई में तब्दील हो चुकी है। जांच में सामने आया है कि बच्चों को दी गई कोल्डड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक खतरनाक रसायन की 48.6% मात्रा पाई गई है, जो इंसान के शरीर के लिए ज़हर से कम नहीं है।

रिपोर्ट आई सामने

ड्रग कंट्रोलर की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कोल्डड्रिफ सिरप पीने से ही बच्चों की किडनी फेल हुई, जिसके चलते उनकी जान चली गई। डायएथिलीन ग्लाइकॉल एक औद्योगिक सॉल्वेंट है, जिसका उपयोग व्हीकल इंडस्ट्री में कूलेंट बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन कुछ दवा निर्माता इसे कफ सिरप में मिठास और खुशबू के लिए गैरकानूनी रूप से मिला देते हैं, जो बेहद घातक है खासकर बच्चों के लिए।

कोल्डड्रिफ सिरप का पूरा स्टॉक जब्त करने के दिए आदेश

इन घटनाओं के बाद तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग ने कोल्डड्रिफ सिरप में ज़हर की पुष्टि की है। वहीं मध्यप्रदेश ड्रग कंट्रोलर ने तुरंत प्रभाव से राज्यभर के ड्रग इंस्पेक्टर्स को आदेश जारी किए हैं कि कोल्डड्रिफ सिरप का पूरा स्टॉक जब्त कर फ्रीज़ किया जाए और इसकी बिक्री किसी भी सूरत में ना होने दी जाए। इसके अलावा, चेन्नई स्थित श्रेसन फार्मा कंपनी के सभी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है और उनके सभी फार्मा उत्पादों के सैंपल जब्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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इस पूरी घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि स्थानीय डॉक्टरों ने बिना उचित जांच के बच्चों को कफ सिरप और इंजेक्शन दे दिए। इलाज के बाद बच्चों में उल्टी, पेशाब रुकने और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देने लगे। जब परिजन उन्हें छिंदवाड़ा और नागपुर के बड़े अस्पतालों में ले गए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रीनल बायोप्सी से पता चला कि बच्चों की किडनी में टॉक्सिक इंफेक्शन था।

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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।