शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद बोले- विश्व गुरू की बात करते हो लेकिन सांसद भवन का प्रारूप विदेश से लाए, हिंदू राष्ट्र, यूसीसी, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक हर मुद्दे पर उठाए सवाल
Shankaracharya Avimukteshwaranand statement, image source: ANI
ग्वालियर। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि विश्वगुरू की बात करते हो लेकिन नए सांसद भवन का प्रारूप विदेश से ले आए हैं, तो कहां से हम विश्व गुरू बन गए। वहीं राम मंदिर निर्माण के बाद प्राण प्रतिष्ठा पर उन्होंने कहा कि अभी आधा अधूरा मंदिर है, ऐसे में कैसे प्रतिष्ठा हो सकती है, जब भगवान पूरा घर बन जाएगा तभी तो उनकी प्रतिष्ठा होगी।
वहीं हिंदू राष्ट्र पर भी उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र कैसा होगा, कोई उसका प्रारूप तो बताओ, हल्ला करने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जो व्यक्ति आज की परिस्थिति से दुखी है क्या वह हिंदू राष्ट्र बनने से सुखी हो जाएगा ?
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वहीं धीरेंद्र शास्त्री को लेकर उन्होंने कहा कि चमत्कार से काम नही चलता है, प्रयास से होता है, चमत्कार से रोग दूर हो जाते, तो 100 करोड़ रूपए से अस्पताल क्यों बनवा रहे हो।
वहीं धर्मोंतरण पर भी उन्होने अपनी राय रखी और कहा कि धर्मिक कारणों से धर्मातरंण नहीं हो रहा है, बल्कि राजनीतिक कारणों से धर्मांतरण हो रहा है। धर्मांतरण का विरोध, कोई धर्म का व्यक्ति नहीं कर रहा है, बल्कि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं।
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इसके अलावा यूनीवर्सल सिविल कोड को लेकर उन्होंने कहा कि समान नागरिक सहिंता के बारे में हमारे संविधान में ही अभिकथन किया गया है, समान नागरिक सहिंता बनाने के नाम पर हम हिन्दुओं के धर्म शास्त्रों की बहुत सारी बातों को हटाकर उनके स्थान पर क़ानून बना दिया गया है, पहले हिन्दू कोड बिल के नाम पर तत्कालीन सरकार ये लेकर आई थी, जिसका व्यापक विरोध हुआ, उसके बाद छोटे – छोटे टुकड़ों में उसको पास कराया गया।

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