Reported By: Mahendra Singh Kushwaha
,Gwalior Latest Fraud Case ; ग्वालियर। ग्वालियर में मुनीम और मालिक ने मिलकर एक बस संचालक को पचास लाख का चूना लगा दिया और दो बसें भी हड़प लीं। घटना सिरोल थाना क्षेत्र के कॉस्मो वैली की है। घटना का पता उस समय चला जब आरोपियों ने किराया देना बंद कर दिया। किराया बंद होने के बाद बसो का पता चला कि आरोपियों ने दोनों बसें गायब कर दी हैं। धोखाधड़ी का शिकार पीड़ित थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। वही पुलिस ने दो लोगो के खिलाफ मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।
Gwalior Latest Fraud Case : दरअसल सिरोल थाना क्षेत्र के कॉस्मो वैली निवासी जतिन अरोरा बस संचालक है और उनकी दिल्ली, इंदौर, चित्रकूट और छतरपुर के साथ ही अन्य शहरों में बसें चलती हैं। काम की अधिकता होने पर उन्होंने अपनी दो बसें मामा की मदद से छतरपुर निवासी उमेश चंद्र अग्रवाल को डेढ़ लाख रुपए प्रति माह पर वर्ष 2017 में दी थीं। बसों की देखरेख के लिए उमेश चंद्र ने अपने मुनीम प्रमोद खरे को जिम्मेदारी दी थी। बसों के संचालन में किसी प्रकार की कठिनाई ना आए इसके लिए उमेश चंद्र ने अपने मुनीम प्रमोद खरे के नाम मुख्तियार नामा कराया था। साथ ही बसों के एमपी 07 एससी 7007 व एमपी 07 एफ 7007 के मूल दस्तावेज भी अपने पास रख लिए थे। किराया रमेश चंद्र अग्रवाल से उसके मामा लेते थे और वह किराया उस तक पहुंचाते थे।
वर्ष 2020 में उनके मामा का देहांत होने पर रमेश चंद्र ने कोविड लगने पर बसें ना चलने की कहकर किराया रोक दिया था। इसके बाद जब हालात सामान्य हुए तो वह उन्हें टहलाते रहे। काफी समय निकलने पर वह प्रमोद खरे के पास पहुंचे तो उसने बताया कि बसें तो उमेश चंद्र अग्रवाल ने खरीद ली हैं। इसके बाद भी बसों को वापस लाने के लिए वह कई बार छतरपुर गए थे। लेकिन हर बार उन्हें आरोपी भगा देते थे। बसों की तलाश के लिए उन्होंने काफी तलाश की। लेकिन बसों का कोई पता नहीं चला। परेशान होने के बाद वह थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की। वहीं पुलिस ने उसकी शिकायत पर बस संचालक और उसके मुनीम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।