Reported By: Kapil Sharma
,Dulhadev Mandir Harda/Image Source: IBC24
हरदा: Dulhadev Mandir Harda: हरदा जिले के ग्राम उड़ा में स्थित दूल्हादेव मंदिर साल में दो बार दीपावली की दूज और होली की दूज पर विशेष पूजा-अर्चना का केंद्र बन जाता है। हर साल दीपावली के दूसरे दिन यानी भाईदूज के अवसर पर यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है। इस दिन कुंवारे युवक-युवतियाँ अपने मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति और शुभ विवाह की कामना लेकर मंदिर पहुंचते हैं और दूल्हादेव के दरबार में अर्जी लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिनके विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, यदि वे सच्चे मन से दूल्हादेव के चरणों में मत्था टेका तो उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है।
विवाह संपन्न होने के बाद नवदंपति पुनः मंदिर आकर भेंट चढ़ाते हैं। भाईदूज के दिन मंदिर परिसर का नजारा अत्यंत आकर्षक और भक्तिमय होता है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं उड़ा गांव के निवासी जो दूल्हादेव को अपने कुलदेवता के रूप में पूजते हैं, विशेष रूप से दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस अवसर पर मंदिर में दूर-दराज़ क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मेले जैसे माहौल में भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और पूरे क्षेत्र में भक्ति एवं उल्लास का वातावरण बना रहता है।
Dulhadev Mandir Harda: मंदिर के पुजारी नरेंद्र तिवारी ने बताया कि इस मंदिर में साल में दो बार होली की दूज और दीपावली की दूज को बड़ी पूजा की जाती है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-पाठ करने आते हैं। इस मंदिर में मान्यता है कि दूल्हादेव बाबा के दर्शन करने और मन्नत मांगने से हर मनोकामना पूरी होती है। जिन बच्चों की शादी नहीं हो रही होती, उनकी शादी हो जाती है। श्रद्धालु गंगा चंद्रवंशी ने बताया कि पिछली बार होली की दूज पर वे अपने बेटे की शादी की मन्नत मांगने आए थे और उनके बेटे की शादी पक्की हो गई। अगले महीने 25 नवंबर को शादी होना है, जिसका पहला निमंत्रण देने वे यहां दूल्हादेव मंदिर आए हैं।