शह मात The Big Debate: FIR पर सियासी शोर..बिगड़े बोल पर रण घनघोर, अशोकनगर का प्रदर्शन आखिर कितना असरदार? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP Politics: FIR पर सियासी शोर..बिगड़े बोल पर रण घनघोर, अशोकनगर का प्रदर्शन आखिर कितना असरदार? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP Politics | Photo Credit: IBC24
- अशोकनगर में कांग्रेस की "न्याय रैली"
- मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल
- कमलनाथ जैसे बड़े चेहरों की अनुपस्थिति
भोपाल: MP Politics जीतू पटवारी पर FIR पर सियासी बखेड़ा केंद्र बना अशोकनगर, कई सवाल उठ खड़े हुए। जीतू पटवारी की कोशिशें रंग लाई क्या? इस जंग के साथ वर्चस्व की एक और पैरलल जंग भी जारी है क्या? इन सवालों के साये में आज मप्र की सियासत दांव-पेंचों के नए मंसूबे बुनती दिखी। इस मंसूबे के मुस्तबिल में कुछ और लिखा जाता। इससे पहले क्या बिगड़े बोल के बम ने पूरे खेल को डिरेल कर दिया या ये पासे किसी और के थे। पर चाल कोई और चल गया।
MP Politics दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, हरीश चौधरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव पीसी शर्मा फूल सिंह बरैया बाला बच्चन सचिन यादव कमलेश्वर पटेल और कांग्रेसियों का हुजूम अशोकनगर में आज सरकार के ख़िलाफ़ हल्ला बोल करते, हुंकार भरते विपक्ष के बड़े नेता एकजुट नजर आए। अशोकनगर में ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ एक FIR यहीं हुई है। इसमें उन्होंने जिस व्यक्ति को कथित तौर पर प्रताड़ित बताया था उसी ने बाद में इनके आरोपों का खंडन कर दिया था..बहरहाल..आज के आयोजन को लेकर जैसे कि रस्म होती ही है विपक्ष की। कांग्रेस ने बहुतेरे आरोप भी लोकल प्रशासन और सरकार पर लगाए कि सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है।
अशोकनगर के मामले में पहले से की कांग्रेस कठघरे में है। क्योंकि जीतू पटवारी पर पीड़ित ने ही आरोप लगा दिए कि उनको गंदगी खिलाने वाले बयान के लिए लालच दिया गया था, तो वहीं आज की इस रैली के दौरान कांग्रेस फिर घिर गई जब विधायक साहब सिंह गुर्जर विवादित बयान देते हुए ये कह गए कि जो मर्द थे वो जंग में आए और जो हिजड़े थे वो संघ में आए।
अब भाजपा को बैठे बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है कांग्रेस को घेरने का वैसे विपक्ष हमेशा प्रयास करता है कि जो भी बड़ा हमला सत्ता पक्ष पर बोला जाए, वो राजधानी में ही बोला जाए क्योंकि उसकी धमक ज्यादा होती है। कई दिनों तक सुनी जाती है। मगर कांग्रेस ने अशोकनगर को चुना, तो तय है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का परामर्श इसमें गुंथा हुआ होगा। वजह भी है, दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन को इस इलाके की कमान सौंपना चाहते हैं और ये पिछले चुनाव में जयवर्धन की यहाँ सक्रियता देखकर भी लगता है। वैसे भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से इस इलाके में कांग्रेस के पास नेतृत्त्व का संकट तो है। भाजपा ने तो सीधे ही कह दिया कि दिग्विजय सिंह जीतू पटवारी का उपयोग करके अपने बेटे को स्टैबलिश करना चाहते है।
भाजपा के आरोपों से इतर देखें भी तो आज के इस न्याय रैली में कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरे, बड़े नेता कमलनाथ सहित कई बड़े नाम इस आन्दोलन में शामिल नहीं हुए। यानी उन्होंने संभवतः ये मान लिया कि ये पार्टी की अस्मिता को लेकर किया जाने वाला प्रदर्शन तो कतई नहीं है। हालांकि कांग्रेस के प्रदर्शन पर अशोकनगर से लेकर भोपाल तक सियासत बेहद गर्म है। इसकी तपिश विधायक साहब सिंह गुर्जर के बिगड़े बोल ने और बढ़ा दी है। ऐसे में कई बड़े सवाल है कि जीतू का मिशन अशोकनगर पूरा हुआ या अधूरा ही रह गया। सवाल ये भी कि अशोकनगर में सजे इस सियासी अखाड़े से किसने क्या उखाड़ा और किसने किसको पछाड़ा?

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