PhonePe Fake Transaction: डुप्लीकेट PhonePe से किया फर्जी ट्रांजैक्शन, 46 हजार की अंगूठी ले भागे दो स्टूडेंट्स, शातिर ठग ने दिखाया ठगी का लाइव डेमो

PhonePe Fake Transaction: डुप्लीकेट PhonePe से किया फर्जी ट्रांजैक्शन, 46 हजार की अंगूठी ले भागे दो स्टूडेंट्स, शातिर ठग ने दिखाया ठगी का लाइव डेमो

  • Reported By: Anshul Mukati

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  • Publish Date - July 5, 2025 / 01:06 PM IST,
    Updated On - July 5, 2025 / 01:30 PM IST

PhonePe Fake Transaction | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • फर्जी PhonePe ऐप से 46 हजार की अंगूठी उड़ाई,
  • ज्वेलर्स से ठगी करने वाले दो छात्र गिरफ्तार,
  • शातिर ठग ने दिखाया ठगी का लाइव डेमो,

इंदौर : PhonePe Fake Transaction:  फोन-पे के फर्जी एप से ज्वेलर्स की दुकान पर ऑनलाइन पेमेंट कर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को परदेशीपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी गवर्नमेंट कॉलेज के छात्र हैं और मौज-मस्ती के लालच में क्राइम करने लगे। फोन पे से पेमेंट के नाम पर फ्रॉड करने का मामला मिनी मुंबई से सामने आया है।

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PhonePe Fake Transaction:  टीआई आरडी कानवा के मुताबिक आरोपियों के नाम विकास पटेल और कमलनयन बैस निवासी शिवबाग कॉलोनी है। दोनों सतना के रहने वाले हैं। 30 जून को ज्वेलर्स जयेश सोनी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एक युवक ने 46 हजार रु. की सोने की अंगूठी खरीदी। उसने शॉप के स्कैनर पर स्कैन कर 46 हजार का ट्रांजेक्शन दिखाया। मैं बिल बनाने लगा तो वह भाग गया। । जब अकाउंट चेक किया गया तो कोई पेमेंट नहीं हुआ था।

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PhonePe Fake Transaction:  पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। गाड़ी नंबर के आधार पर विकास को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि वह अपने साथी कमलनयन के साथ मिलकर डुप्लीकेट फोन-पे ऐप का इस्तेमाल कर फेक ट्रांजेक्शन करता था और इस तरह धोखाधड़ी करता था। आरोपियों के पास आभूषण खरीदने के कई बिल मिले हैं। देखिए एक्सक्लूसिव वीडियो कैसे ये आरोपी फोन-पे से करते हैं फर्जी ट्रांजेक्शन,डेमो दिखाते हुए।

"PhonePe से फर्जी पेमेंट" कैसे किया गया?

आरोपियों ने एक डुप्लीकेट PhonePe ऐप का इस्तेमाल किया, जो पेमेंट का फेक स्क्रीनशॉट दिखाता है लेकिन असली ट्रांजेक्शन नहीं होता।

"PhonePe फ्रॉड इंदौर" के आरोपी कौन हैं?

गिरफ्तार आरोपियों के नाम विकास पटेल और कमलनयन बैस हैं, जो कॉलेज के छात्र हैं और मूलतः सतना से हैं।

क्या "फर्जी PhonePe ऐप" असली की तरह दिखता है?

जी हां, यह ऐप असली PhonePe ऐप की तरह ही इंटरफेस दिखाता है ताकि दुकानदार को शक न हो।

"PhonePe QR कोड फ्रॉड" से कैसे बचें?

हर ट्रांजेक्शन के बाद तुरंत अपने बैंक खाते या UPI ऐप से भुगतान की पुष्टि करें, सिर्फ स्क्रीनशॉट देखकर भरोसा न करें।

क्या "PhonePe से फर्जी पेमेंट" के और भी मामले सामने आए हैं?

फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि इन आरोपियों ने और किन दुकानों को इस तरह ठगा है।