Publish Date - March 14, 2025 / 01:56 PM IST,
Updated On - March 14, 2025 / 01:56 PM IST
Gulaal is banned in Omkareshwar Mandir | Photo Credit IBC24
HIGHLIGHTS
महाकालेश्वर के बाद ओंकारेश्वर में भी सख्ती।
ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में गुलाल पर पाबंदी।
कलेक्टर ने लगाया प्रतिबंध।
खंडवा। Gulaal is banned in Omkareshwar Mandir: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना के बाद से होली के दिन गर्भ गृह में गुलाल खेलने पर प्रतिबंध लग गया था। इसके बाद इस साल खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर भी जिला कलेक्टर ऋषव कुमार गुप्ता ने सख्त निर्देश दिए है अब ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भी गुलाल नहीं खेला जाएगा। भगवान ओंकार महाराज को चंदन का लेप किया जाएगा। बताया जा रहा है, की महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में हुई घटना से सबक लेकर यह फैसला लिया गया है।
Gulaal is banned in Omkareshwar Mandir : फैसले को लेकर कलेक्टर ऋषव कुमार गुप्ता ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना के बाद ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भ गृह में भी गुलाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। भगवान को चंदन का लेप लगाकर होली मनाई जाएगी। इसके लिए मंदिर प्रशासन और एसडीएम को आदेशित कर दिया गया है।
ओंकारेश्वर मंदिर में गुलाल खेलने पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया?
महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना के बाद ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में गुलाल खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान को किस चीज से रंगा जाएगा?
ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान ओंकार महाराज को चंदन का लेप लगाया जाएगा। गुलाल पर प्रतिबंध के बाद यह निर्णय लिया गया है।
गुलाल पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है?
महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना को देखते हुए सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर दोनों मंदिरों में गर्भगृह में गुलाल खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
ओंकारेश्वर मंदिर के कलेक्टर ने किस प्रकार के निर्देश दिए हैं?
कलेक्टर ऋषव कुमार गुप्ता ने ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में गुलाल खेलने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं और होली के दिन भगवान को चंदन का लेप लगाने का आदेश दिया है।
क्या महाकालेश्वर मंदिर में भी गुलाल पर प्रतिबंध है?
हां, महाकालेश्वर मंदिर में पहले ही गुलाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब ओंकारेश्वर मंदिर में भी वही व्यवस्था लागू की जा रही है।