Reported By: Prateek Mishra
,Fake Currency News Today: 1 लाख के बदले देते थे पांच लाख, गोकुलधाम सोसाइटी में लगा रखी थी नोट छापने की मशीन / Image: IBC24
खंडवा: Fake Currency News Today पुलिस ने नकली नोटों की छपाई और प्रसार में सक्रिय एक अंतरजिला गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में गिरोह के मास्टरमाइंड डॉ. प्रतीक नवलखे सहित तीन आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 25 हजार रुपए के नकली नोट, 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 32 एटीएम कार्ड, 15 चेक बुक, ड्रायर मशीन सहित बड़ी मात्रा में सामग्री बरामद की गई है।
Fake Currency News Today विगत 2 नवंबर 2025 को थाना जावर क्षेत्र के ग्राम पेठिया के गोकुलधाम सोसाइटी में मुखबिर की सूचना पर मौलाना जुबेर के कमरे में दबिश दी गई थी। पुलिस ने वहां से 19 लाख 78 हजार रुपये के नकली नोट और नोट छापने के उपकरण बरामद किए थे। प्रकरण दर्ज कर इसकी विवेचना थाना प्रभारी जावर निरीक्षक श्याम सिंह भादले द्वारा लगातार की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक खंडवा मनोज कुमार राय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) महेंद्र तारनेकर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। SIT ने लगातार तकनीकी और मैदानी स्तर पर विवेचना लगातार जारी की जा रही थी।
विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि आरोपी मौलाना जुबेर को नकली नोट उपलब्ध कराने वाला मुख्य आरोपी बुरहानपुर निवासी डॉ. प्रतीक नवलखे है। इसके बाद मुखबिर से पुलिस टीम को सूचना प्राप्त हुई कि मामले में शामिल आरोपी भोपाल के बागमुगलिया क्षेत्र स्थित एक किराए के मकान में छिपे हुए हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए जावर थाना पुलिस टीम ने आज 23 नवंबर 2025 को भोपाल में दबिश दी और तीन आरोपी प्रतीक नवलखे (निवासी बुरहानपुर, उम्र 43), गोपाल उर्फ राहुल (निवासी हरदा, हाल निवासी बागमुगलिया भोपाल, उम्र 35) तथा दिनेश गोरे (निवासी अमरावती, महाराष्ट्र, उम्र 43) को गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 25 हजार रुपए के नकली नोट, 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 32 एटीएम कार्ड, 15 चेक बुक, ड्रायर मशीन सहित बड़ी मात्रा में सामग्री बरामद की है।
साल 2019-20 के दौरान डॉ. प्रतीक नवलखे बुरहानपुर जिला अस्पताल में आरएमओ के पद पर था। उसने गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर से पढ़ाई कर रखी थी, लेकिन जिला अस्पताल में रहने के दौरान उसने कई घोटालों को अंजाम दिया। घोटालों में दोषी साबित होने के बाद प्रतीक को जेल भे दिया गया। जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात जुबेर अंसारी से हुई। दोनों बुरहानपुर के थे, इसलिए प्लान बनाया कि जेल से बाहर निकलकर क्या करेंगे। फिर उन्होंने नकली नोट के कारोबार का जाल बिछाया।
पुलिस के अनुसार, नकली नोट खपाने के बदले में डॉक्टर नवलखे और जुबेर अंसारी और दिनेश गौर अपने से जुड़ने वाले लोगों को ऑफर देते थे कि एक लाख रुपए के असली नोट दो और 5 लाख रुपए के नकली नोट लो। ऑनलाइन और बैंक ट्रांजैक्शन के लिए इन लोगों ने किराए पर बैंक खाते ले रखे थे, जिनके एटीएम इन्हीं लोगों के पास थे। इन खाता धारकों को भी ट्रांजैक्शन का 10% कमीशन देते थे।
डॉक्टर प्रतीक नवलखे को जानकारी लग गई कि उसका साथ इमाम जुबेर अंसारी मालेगांव पुलिस के हत्थे चढ़ गया हैं। कहीं पूछताछ के दौरान जुबेर उसका नाम लेता है तो उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नवलखे उस समय मुंबई में था, फिर ये लोग पुणे आए। यहां से वह सीधे इंदौर होकर भोपाल पहुंचा। वहां जाकर ठिकाना बदला, नोट छापने की मशीन को नाले में फेंका और अपनी गर्लफ्रेंड को अलग किया। भोपाल में किराये के मकान में सामान शिफ्ट किया, फिर चारधाम यात्रा पर निकल गया। इस दौरान उसने देहरादून, बद्रीनाथ, देवप्रयाग होते हुए वापस भोपाल आया, यहां पुलिस ने उसे दबोच लिया।