उज्जैन, तीन जून (भाषा) मध्य प्रदेश लोकायुक्त की एक तकनीकी टीम ने 28 मई को तेज हवाओं के चलते उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकाल लोक गलियारे की सात में से छह सप्तऋषि मूर्तियों के गिरने की जांच शनिवार को शुरू कर दी।
अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त ने घटना के बारे में दो दिन पहले स्वत: संज्ञान लिया और एमएस जौहरी के नेतृत्व में एक तकनीकी दल के तहत जांच शुरू की है।
विपक्षी कांग्रेस और अन्य दलों ने महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है जिसके पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था।
गलियारे की पूरी लागत 856 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण के 351 करोड़ रुपये शामिल हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 28 मई को उसके पास उज्जैन में हवा की गति मापने के उपकरण नहीं थे, लेकिन इंदौर हवाई अड्डे पर गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई थी जो घटनास्थल से 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
घटना के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने घटिया निर्माण की जांच की मांग की थी जबकि उनके सहयोगी अरुण यादव ने भाजपा सरकार को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसका भ्रष्टाचार भगवान को भी नहीं छोड़ रहा है।
भाषा दिमो नोमान
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