भोपाल, 12 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश विधानसभा की बैठक सीधी जिले में हुए पेशाब प्रकरण, आदिवासियों पर कथित अत्याचार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बाद बुधवार को अपने तय समय से तीन दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस के सदस्यों ने सीधी पेशाब कांड, आदिवासियों पर कथित अत्याचार, उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार और भोपाल के सतपुड़ा भवन अग्निकांड के मुद्दे पर, सदन में नियत कामकाज रोक कर तत्काल चर्चा कराने की मांग की। ये सदस्य आसन के समक्ष आ गए और राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे।
जुलाई माह के शुरू में सीधी जिले में एक व्यक्ति ने एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया था। कांग्रेस का आरोप है कि आरोपी प्रवेश शुक्ला भाजपा का सदस्य है।
कुछ कांग्रेस सदस्य अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए सदन में आसन के समक्ष बैठ कर नारेबाजी करते रहे।
हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अनुमति से सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया। अनुपूरक बजट सहित अन्य विधेयकों को बिना किसी चर्चा के, ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद मध्य प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा और अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
यह विधानसभा का आखिरी सत्र था क्योंकि इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा दिमो नरेश मनीषा
मनीषा
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