मप्र:सीबीआई अदालत ने व्यापमं घोटाले के 10 दोषियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई
मप्र:सीबीआई अदालत ने व्यापमं घोटाले के 10 दोषियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई
इंदौर, 16 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़ी पटवारी भर्ती परीक्षा की गड़बड़ियों के मामले में इंदौर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को 10 लोगों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक मुजरिम पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक, सीबीआई अदालत ने वर्ष 2008 की पटवारी भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रतिरूपण के मामले में रामेश्वर, राकेश, देवेंद्र, चेतन, बलराम, हरपाल, गोपाल, जितेंद्र, दिनेश और दिग्विजय सिंह सोलंकी को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 3,000-3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
इन लोगों के खिलाफ खरगोन के कोतवाली पुलिस थाने में 26 अक्टूबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी में आरोप था कि इन लोगों ने तत्कालीन व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में जाली दस्तावेज प्रस्तुत करके धोखाधड़ी की थी और जाली दस्तावेजों को असली बताकर इस परीक्षा में अपना चयन कराया था।
वर्ष 2013 में सामने आया व्यापमं घोटाला गिरोहबाजों, अधिकारियों और सियासी नेताओं की कथित सांठ-गांठ से राज्य सरकार की सेवाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं में सैकड़ों उम्मीदवारों के गैरकानूनी चयन से जुड़ा है।
उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2015 में दिए गए आदेश के तहत व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सीबीआई को सौंप दी गई थी।
भाषा हर्ष शफीक
शफीक

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