मध्यप्रदेश: ‘जंक फूड’ के सेवन पर विधानसभा में बहस, सरकार ने सख्ती की जरूरत बताई

मध्यप्रदेश: ‘जंक फूड’ के सेवन पर विधानसभा में बहस, सरकार ने सख्ती की जरूरत बताई

मध्यप्रदेश:  ‘जंक फूड’ के सेवन पर विधानसभा में बहस, सरकार ने सख्ती की जरूरत बताई
Modified Date: March 24, 2025 / 06:56 pm IST
Published Date: March 24, 2025 6:56 pm IST

भोपाल, 24 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने सत्तारूढ़ दल के दो विधायकों द्वारा बच्चों में ‘जंक फूड’ के बढ़ते सेवन के मुद्दे को उठाने पर सोमवार को विधानसभा में बताया कि खाद्य सुरक्षा और मानक दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

जबलपुर उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अभिलाष पांडे ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।

उन्होंने जानना चाहा कि क्या राज्य सरकार ने पिछले छह महीने में ‘फास्ट फूड’ में मिलावट की जांच के लिए कोई विशेष अभियान चलाया है।

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विधायक ने सदन को बताया कि राज्य में ‘फास्ट फूड’ की खपत बढ़ रही है और इससे बीमारियां बढ़ रही हैं।

उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे राजेंद्र शुक्ला ने जवाब में कहा, “दिशा-निर्देशों (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण या एफएसएसएआई) को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। यह मुद्दा गंभीर है।”

शुक्ला ने सदन को बताया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों से नौ करोड़ रुपये वसूले गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए रूपरेखा तैयार कर रही है।

पांडे ने कहा कि ऐसे ‘फास्ट फूड’ में अजिनोमोटो (मोनोसोडियम ग्लूटामेट का ब्रांड नाम), फ्लेवर सामग्री और प्रिजर्वेटिव होते हैं।

उन्होंने जानना चाहा कि क्या ऐसी सामग्री की जांच के लिए कोई दिशा-निर्देश है।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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