केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर मप्र का उद्योग जगत खुश, व्यापारी महासंघ ने निराशा जताई
केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर मप्र का उद्योग जगत खुश, व्यापारी महासंघ ने निराशा जताई
इंदौर, एक फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के उद्योग जगत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार के बृहस्पतिवार को पेश अंतरिम बजट का स्वागत किया, जबकि कारोबारियों के एक महासंघ ने आम लोगों को आयकर में कोई राहत नहीं मिलने के कारण बजट को लेकर निराशा व्यक्त की।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की नुमाइंदगी करने वाले संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश’ के अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि बजट से भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने की राह प्रशस्त होगी।
मेहता ने कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारे शुरू करने के बजट प्रावधान से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगारों में भी इजाफा होगा। इन प्रस्तावित गलियारों में ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा, पत्तन संपर्क गलियारा और अधिक यातायात वाला गलियारा शामिल है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की राज्य परिषद के अध्यक्ष दिनेश पाटीदार ने कहा कि बजट प्रस्तावों के कारण देश में टिकाऊ सौर ऊर्जा तंत्र की शुरुआत होगी और बिजली से चलने वाले वाहनों के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।
मध्यप्रदेश, देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अध्यक्ष डॉ. डेविश जैन ने कहा कि बजट में सोयाबीन, सूरजमुखी और सरसों जैसे तिलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की रणनीतियों का ऐलान स्वागतयोग्य है।
प्रदेश के आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के कारोबारी संगठनों के महासंघ ‘अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स’ के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने अंतरिम बजट को व्यापार जगत के लिए निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा,‘‘महंगाई को देखते हुए हमें यह उम्मीद थी कि बजट के जरिये आम लोगों को आयकर में राहत दी जाएगी जिससे बाजार में नकदी का प्रवाह तेज होगा। हालांकि, यह उम्मीद अधूरी ही रह गई।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए व्यक्तियों और कॉरपोरेट जगत के लिए आयकर दरों के साथ-साथ सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं करने का प्रस्ताव रखा।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन ने भी बजट पर निराशा जताई। उन्होंने कहा,‘‘माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के साथ ही विदेश यात्रा पैकेजों को लेकर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की दरों में कटौती के लिए हम सरकार को कई ज्ञापन दे चुके हैं। इसके बावजूद हमें बजट में इस सिलसिले में कोई राहत नहीं मिली।’’
भाषा हर्ष रंजन
रंजन

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