MP Hindi News: मध्यप्रदेश नवकरणीय के क्षेत्र में नई क्रांति की ओर अग्रसर, ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने उठाया ये कदम
MP Hindi News: मध्यप्रदेश नवकरणीय के क्षेत्र में नई क्रांति की ओर अग्रसर, ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने उठाया ये कदम
MP Budget Session 2025 Live | Source : Mohan Yadav X Handle
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 14% वृद्धि की घोषणा की।
- मध्यप्रदेश की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी से भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
- सांची को राज्य का पहला 'नेट ज़ीरो कार्बन' सौर शहर बनाने की योजना, जो प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।
भोपाल: MP Hindi News मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश में वर्ष 2070 तक कार्बन फुट-प्रिंट को शून्य तक लाने और समाप्त होते जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाशने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (अक्षय) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि राज्य में पिछले 12 वर्षों में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 14 प्रतिशत अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, अब कुल ऊर्जा उत्पादन में सहभागिता 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
MP Hindi News मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी के कारण नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जीआईएस-भोपाल के उद्घाटन अवसर पर कहा कि विगत दशक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 70 बिलियन डॉलर (5 ट्रिलियन रुपये से अधिक) का निवेश किया गया, जिससे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस विकास में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि राज्य वर्तमान में लगभग 31,000 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता रखता है, जिसमें से 30% हरित ऊर्जा है। पर्यावरण संरक्षण और नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, सांची को राज्य का पहला सौर शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह “नेट ज़ीरो कार्बन” सिद्धांत पर आधारित होगा, जिसमें जितनी ऊर्जा का उपभोग होगा, उतनी ही हरित ऊर्जा का उत्पादन भी किया जाएगा।
यह परियोजना देश-दुनिया के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी नीतियों और राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से मध्यप्रदेश हरित ऊर्जा हब के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में राज्य में 5 बड़ी सौर परियोजनाएँ कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है। सरकार की योजना वर्ष-2030 तक नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) करने की है।

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