मप्र:सरकारी अस्पताल में दूषित रक्त चढ़ाए जाने से छह बच्चे एचआईवी संक्रमित, एक के मां-बाप भी प्रभावित

मप्र:सरकारी अस्पताल में दूषित रक्त चढ़ाए जाने से छह बच्चे एचआईवी संक्रमित, एक के मां-बाप भी प्रभावित

मप्र:सरकारी अस्पताल में दूषित रक्त चढ़ाए जाने से छह बच्चे एचआईवी संक्रमित, एक के मां-बाप भी प्रभावित
Modified Date: December 16, 2025 / 07:37 pm IST
Published Date: December 16, 2025 7:37 pm IST

सतना/भोपाल (मध्यप्रदेश), 16 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के सतना स्थित जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चे एचआईवी संक्रमित रक्त (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) चढ़ाए जाने से इस लाइलाज बीमारी के शिकार हो गए हैं। इनमें से एक के माता-पिता भी इसकी चपेट में आ गए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी के मुताबिक, यह सारे मामले इस साल जनवरी से मई के बीच सामने आए हैं और सभी पीड़ितों का एचआईवी प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है।

सतना के कलेक्टर और मजिस्ट्रेट सतीश कुमार एस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों में नियमित रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जा रहा था। इनमें से नियमित जांच के दौरान छह बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं।’

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘इनमें से एक बच्चे के माता-पिता भी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन जो बाकी पांच बच्चे हैं, उनके माता-पिता संक्रमित नहीं हैं।’

कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एचआई‍वी से संक्रमित सभी लोगों का प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है और सभी की हालत अच्छी है।

कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल की एक आंतरिक समिति इसकी जांच कर रही है और मामले की शासन के उच्च स्तर पर भी सूचना दी गई है।

उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों का सतना जिला अस्पताल के अलावा जबलपुर जिला अस्पताल और कुछ अन्य जगहों पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया गया है।

सतीश कुमार एस ने कहा कि चूंकि अलग-अलग ब्लड डोनर, ब्लड बैंक और जांच केंद्र शामिल हैं, इसलिए जिला स्तर पर जांच के आदेश दिए गए हैं और राज्य स्तर पर भी जांच कराने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘अगर इसमें लापरवाही पाई गई तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

इससे पहले, मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की भी जांच की जा रही है कि यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन सरकारी अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल में तो नहीं हुआ था।’’

पीड़ित बच्चों की उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच है और इन्हें अस्पताल के ब्लड बैंक से खून चढ़ाया जाता था।

मामला सामने आने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक के प्रभारी देवेंद्र पटेल ने कहा था कि चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं और यह जांच की जा रही है कि वे कैसे संक्रमित हुए।

उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘या तो संक्रमित सुई का इस्तेमाल हुआ है या फिर ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ हो। यही दो मूल कारण मुझे लगते हैं। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की संभावना अधिक लग रही है।’

उन्होंने कहा कि सभी बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं और इनमें किसी को 80 तो किसी को सौ बार खून चढ़ाया गया है।

पीड़ित बच्चों में से एक के परिजन ने बताया कि करीब चार महीने पहले ही उनका बच्चा नियमित जांच के दौरान एचआईवी से संक्रमित पाया गया था और उसे इसकी दवाइयां भी दी जा रही हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एचआईवी के लिए दी गई दवाइयों के सेवन के बाद उनका बच्चा उल्टियां करने लगता है, फिर सुस्त पड़ जाता है और बीमार हो जाता है।

परिजन ने कहा कि उनके बच्चे के साथ ही तीन अन्य बच्चे भी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के बाद सभी परिजनों की भी जांच कराई गई थी।

परिजन ने स्वीकार किया कि उन्होंने जबलपुर जिला अस्पताल और एक अन्य अस्पताल में भी अपने बच्चे का ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया था।

इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला का इस्तीफा मांगा है।

विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप का मामला सामने आया, उसके बाद इंदौर और सतना के अस्पतालों में चूहों के काटने की घटनाएं सामने आईं और अब बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया।

यादव ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री से यह महकमा नहीं संभल रहा है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। सतना की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने इसे सरकार की असफलता करार दिया और कहा कि मोहन यादव की सरकार का जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘कहीं अस्पताल में चूहे घूम रहे हैं तो कहीं बच्चों को एचआईवी वाला ब्लड चढ़ा दिया जा रहा है। एचआईवी रोकने की जगह आप एचआईवी फैला रहे हैं। मोहन यादव को नींद से जाग जाना चाहिए। बच्चे देश की धरोहर हैं, उनका ध्यान रखा जाना चाहिए।’

भाषा सं ब्रजेन्द्र नोमान

नोमान


लेखक के बारे में