Mandla has become a fully literate district
मंडला, 16 अगस्त। मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने घोषणा की है कि आदिवासी बहुल मंडला क्षेत्र देश का पहला पूर्ण रुप से कार्यात्मक साक्षर जिला बन गया है। साहू ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
मंडला की जिलाधिकारी हर्षिका सिंह ने इस उपलब्धि पर कहा कि 2011 में एक सर्वेक्षण के अनुसार जिले में साक्षरता दर 68 प्रतिशत थी जबकि 2020 में एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि जिले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे और इनमें से अधिकांश वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ आदिवासियों ने अक्सर अधिकारियों से धोखाधड़ी करने वालों द्वारा उनके बैंक खातों से पैसे निकाले जाने की शिकायत की और इसका मूल कारण यह था कि वे कार्यात्मक रुप से साक्षर नहीं थे।’’ एक व्यक्ति को कार्यात्मक तौर पर साक्षर तब कहा जा सकता है जब वह अपना नाम लिखने, गणना करने और हिंदी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो।
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जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘ इसे ध्यान में रखते हुए हमने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल करके स्वतंत्रता दिवस 2020 से उन्हें कार्यात्मक रुप से साक्षर बनाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरु किया।’’
उन्होंने कहा कि दो सालों के अंदर पूरा जिला कार्यात्मक तौर से साक्षर हो गया है। उन्होंने दावा किया कि लोग अपना नाम लिखने, गणना करने और पढ़ने में सक्षम हैं जिससे मंडला इस उपलब्धि को हासिल करने वाला देश का पहला जिला बन गया है।