These white flowers are used for wealth and tantric rituals in this village: मंडला। फागुन मास, होली त्योहार ओर सफेद पलाश का खास महत्व है। सफेद पलाश जंहा भगवान शिव को अत्यधिक पसंद है, वहीं होली के दिन इस पेड़, इसके फूल और इसकी छाल का घास महत्व होता है ।
यही वजह है कि दुर्लभ और खास जिले के इस इकलौते सफेद पलाश के पेड़ की पूजा कर धन, संपदा, रिद्धि – सिद्धि प्राप्त करने जंहा लोग यंहा पहुंचते है। इसके साथ ही तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी तांत्रिक यहां आते है । ये अद्भुत और दुर्लभ सफेद पलाश का पेड़ है जिले की जनपद मोहगांव के ग्राम कउआडोंगरी में, जहां होली के दिन लोगों का जमावड़ा होता है। वही तांत्रिक भी तंत्र साधना करने यंहा पहुंचते ही।
फागुन माह में जिले के जंगल जहां लाल पलाश के पेड़ों में लगे फूलों से अंगारों की तरह धधकते दिखते हैं। वहीं जिले के जंगलों के एक मात्र ओर अद्भुत सफेद पलाश है, जो लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। इस सफेद पलाश के दर्शन और पूजन अर्चन के लिए न केवल जिले के लोग यंहा पहुंचते हौं, बल्कि दूसरे जिलों और दूसरे राज्यों से लोग यंहा आते है । प्रदेश सरकार द्वारा संरक्षित उक्त पलाश का पेड़ होली है दिन खास महत्व रखता है।
कहा जाता है कि सफेद पलाश जंहा धन वर्षा, तांत्रिक क्रियाओं में खास महत्व रखता है।इस पलाश के फूल, पत्ते और छाल भगवान शंकर ( महाकाल ) को बेहद प्रिय है । इस फूल से न सिर्फ भगवान शिव का श्रंगार बेहद महत्व रखता है बल्कि साधु संत इस पेड़ के फूल, पत्तों का महाकाल के अभिषेक के लिए उपयोग करते है । लेकिन कथित तौर पर पेड़ का तांत्रिक महत्व होने से इस दुर्लभ पेड़ को लोग नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ इसके संरकछन की आवश्यकता है।
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