Titanic Ship Temple: एमपी के इस जिले में बना टाइटैनिक जहाज जैसा मंदिर! देखकर आप भी हो जाएंगे कारीगरी के मुरीद, जानें इसकी क्या है खासियत

Titanic Ship Temple: एमपी के इस जिले में बना टाइटैनिक जहाज जैसा मंदिर! देखकर आप भी हो जाएंगे कारीगरी के मुरीद, जानें इसकी क्या है खासियत |

Titanic Ship Temple: एमपी के इस जिले में बना टाइटैनिक जहाज जैसा मंदिर! देखकर आप भी हो जाएंगे कारीगरी के मुरीद, जानें इसकी क्या है खासियत

Titanic Ship Temple in Mandsaur | Source : IBC24

Modified Date: March 19, 2025 / 02:04 pm IST
Published Date: March 19, 2025 2:04 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मध्य प्रदेश में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाने जाते हैं।
  • मध्य प्रदेश में ऐसा पहला मंदिर बना है जिसे जहाज मंदिर कहते हैं।
  • इस मंदिर को बनाने में 17 साल का समय लगा और 20 से अधिक कारीगर ने इसे बनाया है।

शुभम मालवीय/मंदसौर। Titanic Ship Temple: वैसे तो आपने भारत में और मध्य प्रदेश ऐसे कई मंदिर देखे होंगे लेकिन हम आपको ऐसे मंदिर के दर्शन करवाते हैं जो जहाज मंदिर के नाम से ही प्रसिद्द है। मध्य प्रदेश में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाने जाते हैं। ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जो जहाज जैसा बना हुआ है!

जी हां मध्य प्रदेश में ऐसा पहला मंदिर बना है जिसे जहाज मंदिर कहते हैं मंदसौर जिले से महज 40 किलो मिटर की दूरी सीतामऊ में प्रदेश का पहला जहाज मंदिर है जो यहां आने जाने वाले समय में यह मंदिर जैन तीर्थक्षेत्र के रूप में उभरेगा ये मंदिर को तैयार होने में करीब 17 साल पूरे लगे हैं। इस मंदिर को पूरा बनाने में राजस्थान के 20 से अधिक कारीगरों की देखरेख में सैकड़ों मजदूरों ने इसे जहाज की आकृति दी है। जहाज भी धरती पर नहीं बल्कि कमल के फूल में विराजमान है।

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कितने समय में हुआ मंदिर का निर्माण

मार्बल से बने इस मंदिर को बनाने में 17 साल का समय लगा और 20 से अधिक कारीगर ने इसे बनाया है। इस जहाज मंदिर की चौड़ाई 36 फीट है, जबकि मंदिर की लंबाई 110 फीट है और ऊंचाई 80 फीट है। प्रारंभ हुआ निर्माण जहाज मंदिर का निर्माण करीब 2008 में प्रारंभ हुआ था। राजस्थान के जालौर के बाद ये दूसरा मंदिर है मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील लदुना रोड़ पर!

चंबल से निकली प्रतिमा

पुजारी रमेश चंद्र जैन ने बताया कि यहां मूल नायक आदिनाथ भगवान है और नीचे नाकोड़ा पार्श्वनाथ भगवान है वो चंबल नदी में से प्रतिमा निकली हुई हैं और 03 हजार वर्ष पुरानी है बहुत चमत्कारी मूर्ति है और इसकी जो डिजाइन है जहाज के हिसाब से दे रखी अपने इंडिया में दो ही मंदिर हैं एक जालौर के पास में मंदिर है और दूसरा मंदसौर के सीतामऊ में इस मंदिर को पूरा बनाने में 17 साल लग गए और आयोजन में जैन समाज की नवकारशी होती है जो भी मंदसौर राज स्थान सहित उदय पुर तक के लोग पहुंचते है!

उत्सव जैन बताया कि जहाज के आकार से बना हुआ है जहाज मंदिर जो एक श्री सिद्धाचल धाम के नाम से मंदिर प्रसिद्ध है मध्य प्रदेश में पहला जहाज मंदिर है यहां पर राज स्थान के कारीगरों ने इसे पूरा किया है और 17 वर्ष हो चुके हैं अभी 20 अप्रैल को प्रतिष्ठा हुई थी 2024 में अभी 26 अप्रैल को एक वर्ष हो जाएगा 2025 में… ये 2000 में तरूण सागर महाराज सीतामऊ में आए थे तब उन्होंने मेरे अरविन्द जैन पापा है उनको कहा कि जीवन में आए हो तो कुछ ऐसा काम करके जाना जो एक इतिहास रचा जाए पापा के मन में आया कि एक मंदिर बनाना है जो जहाज के आकार पर हो।


लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years