Dilapidated Government School In Mandsaur : स्कूल के भवन में अधिकारीयों ने जड़ा ताला, पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर स्टूडेंट्स, लापरवाही की मार झेल रहे बच्चे

स्कूल के भवन में अधिकारीयों ने जड़ा ताला...Dilapidated Government School in Mandsaur: Officials locked the school building, students forced

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  • Publish Date - March 2, 2025 / 01:32 PM IST,
    Updated On - March 2, 2025 / 01:33 PM IST

Dilapidated Government School In Mandsaur | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • अरनिया मीणा गांव में जर्जर सरकारी स्कूल,
  • शिक्षा विभाग की लापरवाही की मार झेल रहे बच्चे,
  • स्कूल भवन की बदहाली के कारण पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर,

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मंदसौर : Dilapidated Government School In Mandsaur :सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अरनिया मीणा गांव में प्राथमिक विद्यालय के छात्र पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।

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Dilapidated Government School In Mandsaur :  अरनिया मीणा गांव में वर्ष 1997-98 में बना प्राथमिक विद्यालय का भवन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है। अधिकारियों ने निरीक्षण के बाद इसे शैक्षणिक कार्य के लिए अयोग्य घोषित कर दिया और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल भवन पर ताला लगा दिया। लेकिन इसके बाद से समस्या और गंभीर हो गई, क्योंकि बच्चों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। कक्षा 1 से 5 तक के 37 विद्यार्थी इस स्कूल में अध्ययनरत हैं, लेकिन उचित कक्षाओं के अभाव में वे या तो एक ही कमरे में ठूंसकर पढ़ने को मजबूर हैं या फिर बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।

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Dilapidated Government School In Mandsaur :  विद्यालय के कक्षा अध्यापक कैलाश चंद्र गुप्ता का कहना है की स्कूल भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घोषित किया जा चुका है, जिससे बच्चों को भारी परेशानी हो रही है। केवल एक अतिरिक्त कक्ष और आंगनबाड़ी का उपयोग किया जा रहा है। बरसात के समय हालात और भी खराब हो जाते हैं, क्योंकि पांच कक्षाओं के बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाना पड़ता है, जबकि दो कक्षाओं के बच्चों को बाहर बरगद के पेड़ के नीचे बैठाना पड़ता है। हमने उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर नए भवन की मांग की है। इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी तेरेसा मिंज का कहना है की बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जर्जर भवन को बंद कर दिया गया है और नवीन भवन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उम्मीद है कि नवीन शिक्षण सत्र में नया भवन बनकर तैयार हो जाएगा।

"मंदसौर के अरनिया मीणा गांव के स्कूल की क्या समस्या है?"

गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिसके कारण बच्चों को पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।

"बच्चों को कहां पढ़ाया जा रहा है?"

बच्चों को एक अतिरिक्त कक्ष और आंगनबाड़ी केंद्र में समायोजित किया गया है, जबकि दो कक्षाओं के छात्रों को बरगद के पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।

"क्या नया स्कूल भवन बनने की कोई योजना है?"

हां, जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार नवीन स्कूल भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और उम्मीद है कि नवीन शिक्षण सत्र तक नया भवन तैयार हो जाएगा।

"सरकार ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?"

प्रशासन ने पुराने भवन को बंद कर दिया है और नया भवन बनाने की योजना बनाई है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

"स्थानीय लोगों की क्या मांग है?"

स्थानीय लोग और शिक्षक जल्द से जल्द नए भवन के निर्माण की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रह सके।