मोहन यादव के दो साल ‘विफलताओं, जन-विरोधी नीतियों, आर्थिक कुप्रबंधन और खोखले दावों’ के रहे: कांग्रेस

मोहन यादव के दो साल ‘विफलताओं, जन-विरोधी नीतियों, आर्थिक कुप्रबंधन और खोखले दावों’ के रहे: कांग्रेस

मोहन यादव के दो साल ‘विफलताओं, जन-विरोधी नीतियों, आर्थिक कुप्रबंधन और खोखले दावों’ के रहे: कांग्रेस
Modified Date: December 12, 2025 / 09:54 pm IST
Published Date: December 12, 2025 9:54 pm IST

भोपाल, 12 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दो साल पूरे होने पर शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि उनका यह कार्यकाल ‘‘विफलताओं, जन-विरोधी नीतियों, आर्थिक कुप्रबंधन, बढ़ते कर्ज़ और खोखले दावों का रहा।’’

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह दो साल ‘‘बर्बादी’’ के रहे और सरकार जनता के मुद्दों पर पूरी तरह विफल साबित हुई है।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक भी उपस्थित थे।

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पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री यादव मंचों से विकास की बातें करते हैं, मानो मध्यप्रदेश में “गंगा बह रही हो”, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। उन्होंने कहा, ‘उनके (यादव) दो साल राज्य की बर्बादी के रहे।’

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश आज 4 लाख 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा है और 22 साल की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को आर्थिक रूप से इतना कमजोर कैसे किया, मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना ही होगा।

उन्होंने कहा कि “एक पेड़ माँ के नाम” का भावनात्मक नारा दिया जाता है, लेकिन पूरे के पूरे जंगल उद्योगपतियों के नाम किए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि यह कैसा विकास मॉडल है?

पटवारी ने कहा कि साल 2013 में मध्यप्रदेश के विद्यालयों में 1 करोड़ 59 लाख बच्चे थे और इनके लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था।

उन्होंने सवाल उठाया कि आज बच्चे घटकर 1 करोड़ 4 लाख रह गए, लेकिन बजट बढ़कर 37 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके बावजूद विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं, मध्याह्न भोजन में घोटाले हो रहे हैं और इसने बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कथित भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के मुद्दों पर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह ऐसी सरकार है जो संपत्तियां बेचकर कर्ज़ चुका रही है और फिर नया कर्ज ले रही है। उन्होंने कहा कि यह ‘आर्थिक कुशासन’ का सबसे बड़ा उदाहरण है।

सिंघार ने कहा कि भाजपा 22 साल से सत्ता में है, लेकिन मध्यप्रदेश की पहचान आज भी ‘बीमारू’ राज्य के रूप में होती है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि 22 साल बाद भी ‘‘राज्य कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था, कुपोषण, बेरोजगारी और अपराध से ही पहचाना जाए’’ तो यह किसी 2 साल की विफलता नहीं, बल्कि पूरे शासन मॉडल की हार है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री यादव ने सरकार के दो साल पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिनाई थीं।

भाषा ब्रजेन्द्र अमित

अमित


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